दिल्ली हाईकोर्ट (HC) ने भारत बायोटेक को 2-18 आयु वर्ग के कोवैक्सिन के क्लिनिकल परीक्षण के लिए दी गई अनुमति को रद्द करने की याचिका पर केंद्र का रुख मांगा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय (HC) ने 2-18 आयु वर्ग पर चरण 2 और 3 नैदानिक परीक्षण कोवैक्सिन कोविड -19 वैक्सीन आयोजित करने के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र और भारत बायोटेक को नोटिस जारी किया है।
भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल द्वारा भारत बायोटेक को 2-18 आयु वर्ग पर अपने कोवैक्सिन कोविड -19 वैक्सीन के चरण II / III नैदानिक परीक्षण के संचालन के लिए दी गई अनुमति को रद्द करने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने केंद्र और भारत बायोटेक को नोटिस जारी कर याचिका पर 15 जुलाई तक अपना पक्ष रखने को कहा।
अदालत ने याचिकाकर्ता संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) द्वारा मांगी गई नैदानिक परीक्षण के लिए 12 मई को दी गई अनुमति पर रोक लगाने वाले किसी भी अंतरिम आदेश को पारित करने से इनकार कर दिया।
525 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर परीक्षण किया जाएगा।
ट्रायल में वैक्सीन इंट्रामस्क्युलर रूट से दो डोज में 0 और 28वें दिन दी जाएगी।
कोवैक्सिन, जिसे भारत बायोटेक (Bharat Biotec) द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। का उपयोग भारत के चल रहे कोविड -19 टीकाकरण अभियान में वयस्कों पर किया जा रहा है।
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