सभी मनोकामनाओं को अपने मन में रखने वाले भक्त राधारानी की शरण में पहुंच गए हैं। राधाकुंड में दो दिवसीय अहोई अष्टमी मेले का मुख्य स्नान 28 अक्टूबर की मध्यरात्रि को होगा। बुधवार की रात को निकलने वाले श्रद्धालु स्नान करेंगे । अहोई अष्टमी मेले के लिए राधाकुंड और परिक्रमा मार्ग के आसपास विशेष सजावट की गई है। रोशनी के लिए आधुनिक एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। घाटों से सटी दीवारों को रंगीन झालरों से सजाया गया है। दो रिसेप्शन गेट बनाए गए हैं। घाटों पर सपोर्ट बॉल्स लगाए गए हैं। जिससे श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोका जा सके। पूल में नहाने के लिए गोताखोरी की विशेष टीम और नाव लगाई गई है। मेले में विशेष निगरानी के लिए 15 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
एक जोन, तीन सेक्टरों की होगी व्यवस्था
अहोई अष्टमी मेले को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मेला क्षेत्र को एक जोन और तीन सेक्टरों में बांटा गया है। डीएम नवनीत सिंह चहल के निर्देश पर मेला प्रभारी गोवर्धन एसडीएम अजय कुमार सिंह व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं । ईओ महेंद्र कुमार के निर्देश पर पार्किंग, पेयजल, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था की गयी है।
चिकित्सा अधीक्षक जितेश तिवारी ने बताया कि अहोई अष्टमी मेले में तीन स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। राधाकुंड संगम स्थल, मीरा मनोरंजन धर्मशाला और पुलिस चौकी राधाकुंड में पर लगाए जाएंगे। तीन एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी।
राधाकुंड में स्नान के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचेंगे। सुरक्षा के लिए घाटों पर बल्ली लगाए गए हैं। ताकि स्नान करने वाले श्रद्धालु गहरे पानी में न जाएं। विशेष गोताखोरों की टीम भी पूल में नहाने के लिए लगाई गई है। विशेष निगरानी के लिए मेले में 15 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
गायों को पहुंचाया गया राल गौशाला
मेले से पूर्व बेसहारा गायों को विशेष अभियान चलाकर राल गौशाला ले जाया गया है। राधाकुंड में स्नान करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। पिछले साल यहां कोरोना संक्रमण के कारण मेले का आयोजन नहीं किया गया था।