Ahoi Ashtami Kab Hai 2022: हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस बार अहोई अष्टमी 17 अक्टूबर 2022 सोमवार को रखी जाएगी। महिलाएं इस दिन संतान की खुशी, संतान की लंबी उम्र और उसके अच्छे भविष्य के लिए व्रत रखती हैं। तो आइए जानते हैं अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, कथा और शुभ योग और चंद्रोदय का समय।
Ahoi Ashtami Kab Hai 2022: जिस तरह हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा जाता है, उसी तरह महिलाएं भी अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। अहोई अष्टमी एक ऐसा व्रत है जिसमें महिलाएं अपने पुत्रों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। अहोई अष्टमी व्रत का दिन करवा चौथ के चार दिन बाद और दिवाली पूजा से आठ दिन पहले आता है। करवा चौथ की तरह अहोई अष्टमी उत्तर भारत में अधिक प्रसिद्ध है। अहोई अष्टमी के दिन को अहोई अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। करवा चौथ की तरह अहोई अष्टमी का व्रत बहुत कठिन है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन पानी नहीं लेती हैं। आसमान में तारे देखने के बाद ही व्रत खोला जाता है। आइए जानते हैं अहोई अष्टमी की तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
अहोई अष्टमी 2022 शुभ मुहूर्त और तिथि
हिन्दू पंचांग के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल अहोई अष्टमी का यह व्रत 17 अक्टूबर 2022 को रखा जाएगा।
अष्टमी तिथि प्रारंभ- 17 अक्टूबर 2022 सुबह 09:29 बजे से
अष्टमी तिथि समाप्त – 18 अक्टूबर 2022 प्रातः 11.57 बजे तक
अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त – शाम 06:14 बजे से शाम 07:28 बजे तक
अवधि – 01 घंटा 14 मिनट
तारों को देखने का शाम का समय – शाम 06:36 बजे
अहोई अष्टमी के दिन चंद्रोदय का समय – प्रातः 12:06 बजे, 18 अक्टूबर
अहोई अष्टमी पूजा विधि
अहोई अष्टमी पर उपवास और पूजा माता अहोई या देवी अहोई को समर्पित है। महिलाएं इस दिन बच्चों की भलाई और लंबी उम्र के लिए पूजा करती हैं।
सुबह स्नान कर अहोई की पूजा करने का संकल्प लें। दीवार पर गेरू या लाल रंग से अहोई माता की आकृति बनाएं। सूर्यास्त के बाद तारे निकलने पर पूजा शुरू करें। पूजा की सामग्री में चांदी या सफेद धातु की अहोई, चांदी की मोती की माला, जल से भरा कलश, दूध और भात, हलवा और फूल, दीपक आदि रखें। सबसे पहले अहोई माता की रोली, फूल, दीपक से पूजा करें और उन्हें दूध और भात चढ़ाएं। फिर गेहूँ के सात दाने और थोड़ी दक्षिणा (बयाना) हाथ में लेकर अहोई की कथा सुनें। कथा के बाद माला को गले में धारण करें और सास को गेहूं का दाना और बयाना देकर उनका आशीर्वाद लें। अब तारों को अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करें।
अहोई अष्टमी शुभ योग
इस वर्ष अहोई अष्टमी पर अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। अमृत काल 18 अक्टूबर सुबह 02:31 से सुबह 04:19 तक चलेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05.13 बजे, 18 अक्टूबर से 06.33 बजे तक, 18 अक्टूबर तक चलेगा।
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