Mines and Minerals Amendment Bill 2021- राज्यसभा ने सोमवार को खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2021 (Mines and Minerals Amendment Bill 2021) पारित किया। जिसका उद्देश्य खनन क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देना था।
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केंद्रीय खदान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने संसद में कहा की हम निजी खिलाड़ियों को इसमें लाना चाहते हैं। क्योंकि हमारे पास कोयला, सोना, चांदी जैसे समृद्ध खनिज है। लेकिन हम इसे बाहर लाने में सक्षम नहीं हैं। इसीलिए हम इन बदलावों को ला रहे हैं। और अन्वेषण को फिर से परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं।
राज्यसभा में सदस्यों को आश्वस्त करते हुए, जोशी ने कहा कि प्रगतिशील बिल अधिक नौकरियों का सृजन करते हुए राज्यों की शक्तियों पर अंकुश नहीं लगाएगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि राज्यों की शक्ति का एक भी कोटा इस बिल द्वारा नहीं छीना जाएगा। जोशी ने बिल (Bill) पर चयन समिति की जांच के लिए विपक्ष के आह्वान का भी जवाब दिया।
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बिल पर व्यापक विचार-विमर्श और बिल को राज्यों में प्रसारित किया गया व 10,500 टिप्पणियां प्राप्त हुईं। मंत्री ने कहा कि 10 संघों और छह गैर सरकारी संगठनों ने अपनी टिप्पणी दर्ज की थी। 143 खदानें राज्यों को दी गई हैं। ये खदानें 2015 से उनके पास हैं। उन्हें आवंटित नहीं किया गया और नीलाम भी नहीं किया गया। नुकसान किसको हुआ ? प्रल्हाद जोशी ने कहा, हम कोयले के चौथे सबसे बड़े संसाधन होने के बावजूद कोयला आयात कर रहे हैं।
अन्य विपक्षी सदस्यों के बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह व जयराम रमेश ने सरकार पर विधेयक की जांच के लिए एक चयन समिति को भेजने का दबाव डाला।
रमेश ने कहा की हाउस की ग्यारह पार्टियों ने अनुरोध किया है कि बिल को एक सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए। आम सहमति आज यह है कि बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास जाना चाहिए। लेकिन सरकार इस बिल को पास करने से सहमत नहीं है। और इस सहमति का सम्मान करने की संभावना नहीं है। आज हम आम सहमति के खिलाफ जा रहे हैं।
बिल पर चर्चा के दौरान, दिग्विजय सिंह ने कहा इस बिल का व्यवहार उस तरह से न करें जैसा आपने खेत कानूनों के साथ किया था। एआईएडीएमके के एम थंबीदुरई ने कहा कि मंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्यों के अधिकारों को छीन नहीं लिया जाए।
जोशी ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न करना और देश की कुल जीडीपी में खनन क्षेत्र के योगदान को बढ़ाना है।
खनन क्षेत्र में हमारी कमी का प्रमुख कारण यह है कि हमारे पास खदानों की खोज नहीं है। उन्होंने कहा कि अब तक केवल 10 प्रतिशत ओबोलॉजिकल जियोलॉजिकल पोटेंशियल (OGP) क्षेत्र का पता लगाया गया है। और हम केवल 5 प्रतिशत OGP का खनन कर रहे हैं।