केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार से शुरू होने वाला आमरण अनशन सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने नहीं करने का निर्णय लिया है। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में घोषणा कर अनशन नहीं करने का निर्णय लिया।
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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा की कई मुद्दों पर मैं लंबे समय से आंदोलन कर चुका हूं। शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना अपराध नहीं है। किसानों के मुद्दे तीन साल से उठा रहा हूं। उपज की सही कीमत न मिलने पर किसान आत्महत्या करते हैं। न्यूनतन समर्थन मूल्य को 50 फीसदी तक बढ़ाने का निर्णय सरकार ने लिया है। इस संबंध में अन्ना हजारे को पत्र मिला है।
इन 15 मुद्दों पर केंद्र सरकार ने काम करने का फैसला कर लिया। तो मैंने कल का अनशन रद्द करने का निर्णय लिया है। आपको बता दे की महीने की शुरुवात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हजारे ने कहा था की अंतिम भूख हड़ताल जनवरी के अंत में शुरू करेंगे।
आपको बता दे की महाराष्ट्र विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हरीभाऊ बागडेस, भाजपा नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, अहमदनगर के सांसद सुजय विखे पाटिल देवेंद्र फडणवीस सहित अन्य नेताओं ने उनसे मुलाकात कर मनाने में लगे थे। अब जाकर केंद्र सरकार ने अपनी कोशिशों में सफलता पायी।
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