Global Statistics

All countries
683,849,891
Confirmed
Updated on March 31, 2023 11:59 am
All countries
637,789,533
Recovered
Updated on March 31, 2023 11:59 am
All countries
6,830,728
Deaths
Updated on March 31, 2023 11:59 am

Global Statistics

All countries
683,849,891
Confirmed
Updated on March 31, 2023 11:59 am
All countries
637,789,533
Recovered
Updated on March 31, 2023 11:59 am
All countries
6,830,728
Deaths
Updated on March 31, 2023 11:59 am
spot_img

Chaitra Navratri 2022: नवरात्र के दूसरे दिन करें तप की देवी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानिए विधि, कथा, मंत्र और सब कुछ

- Advertisement -

Brahmacharini Mata 2022: चैत्र नवरात्रि शुरू हो गई है। नवरात्रि हिंदू धर्म का एक बहुत ही खास त्योहार है जो साल में दो बार आता है। नवरात्रि में 9 दिनों तक माता रानी के भक्त उनके 9 रूपों की पूजा करते हैं। जिसमें से पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों में कलश की स्थापना करते हैं और फिर 9 दिनों तक पूजा करते हैं। नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन विशेष रूप से मां की कृपा पाने के लिए भक्त तरह-तरह के प्रयास करते हैं, व्रत रखते हैं, मन्नतें मांगते हैं और भोग लगाते हैं आदि। ऐसा माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी दुनिया में ऊर्जा प्रवाहित करती हैं और उनकी कृपा से मनुष्य को आंतरिक शांति मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी तप की देवी हैं, जिसके कारण उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। आइए जानते हैं देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, कथा, मंत्र आदि के बारे में।

चैत्र नवरात्र के द्वितीय दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) स्वरूप की पूजा की जाती है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या, जबकि चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तप का आचरण करने वाली। इसलिए माता को तपस्चारिणी भी कहा जाता है। मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) के दाहिने हाथ में मंत्र जपने की माला और बाएं में कमंडल है। उन्हें ज्ञान और तप की देवी माना जाता है। कहते हैं जो कोई भी सच्चे मन से, धैर्य से ब्रह्मचारिणी मां की पूजा करता है। उन्हें धैर्य के साथ और ज्ञान की प्राप्ति होती है। साथ हीमनुष्य का मन कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होता है।

मां ब्रह्मचारिणी की कथा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) का जन्म एक पुत्री के रूप में पर्वतराज हिमालय के घर में हुआ था। उस समय नारद जी की सलाह पर उन्होंने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए बहुत कठोर तपस्या की थी। इसी तपस्या के कारण उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। एक हजार साल तक उन्होंने फल और फूल खाकर समय बिताया। इसके साथ ही उन्होंने सौ वर्ष तक केवल जमीन पर रहकर तपस्या की। ऐसा माना जाता है कि मां ने निर्जल और असहाय होकर कई हजार वर्षों तक घोर तपस्या की थी। उनकी भक्ति से सभी देवता प्रसन्न हुए और उन्हें उनकी मनोकामना पूर्ति का वरदान दिया।

पूजा विधि

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त पर उठकर स्नान करें।

सबसे पहले पूजा के लिए आसन बिछाएं, फिर आसन पर बैठकर मां की पूजा करें।

इसके बाद मां को फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि अर्पित करें।

ब्रह्मचारिणी मां को भोग के रूप में पंचामृत का भोग लगाएं। इसके साथ ही मिठाई का भोग लगाएं।

इसके साथ ही मां को पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें।

इसके बाद देवी ब्रह्मचारिणी मां के मंत्रों का जाप करें और फिर मां की आरती करें।

मां ब्रह्मचारिणी का मंत्र जाप करें

चैत्र नवरात्रि के दौरान मां ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini Mata) मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
मां ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम

मां ब्रह्मचारिणी मंत्र इस तरह है-

या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

ब्रह्माचारिणी देवी की आरती

जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।

यह भी पढ़ें – Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि पर ना पहनें इस रंग के कपड़े, अन्यथा माँ दुर्गा हो जाएंगी नाराज

यह भी पढ़ें – चैत्र नवरात्रि 2022: नवरात्रि में क्यों बोई जाती है जौ, जानिए क्या है इसका धार्मिक महत्व

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img
spot_img

Related Articles