Budh Pradosh Vrat 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2023 का पहला प्रदोष व्रत 4 जनवरी दिन बुधवार को है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद खास माना गया है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से प्रदोष व्रत रखता है, भगवान शिव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। मान्यता है कि प्रदोष व्रत और पूजा करने से महादेव की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन सच्चे मन से शिव की भक्ति करने पर शुभ फल अवश्य प्राप्त होते हैं। इसके अलावा अगर आप जीवन में सुख-समृद्धि चाहते हैं तो बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat) के दिन कुछ उपाय जरूर करें। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में…
आर्थिक तंगी दूर करने के उपाय
साल का पहला प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव के साथ-साथ भगवान गणेश की कृपा भी प्राप्त होती है। ऐसे में बुध प्रदोष व्रत के दिन सुबह व्रत का संकल्प लेने के बाद सबसे पहले गणपति जी की पूजा करें. उन्हें लाल गुड़हल का फूल अर्पित करें और ‘ऊं गं गणपतये नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें। माना जाता है कि इससे धन की कमी से मुक्ति मिलती है और आर्थिक स्थिरता में सुधार होता है।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए
सुखी वैवाहिक जीवन या संतान सुख पाने के लिए 27 बार ‘ॐ नम: शिवाय’ का जाप करते हुए 27 लाल गुलाब के फूल भगवान शिव को चढ़ाएं। साथ ही इस दिन चंदन का इत्र अर्पित करें। यह उपाय पति-पत्नी मिलकर करें। शिव और पार्वती की कृपा से वैवाहिक जीवन में सुख रहेगा।
धन प्राप्ति के उपाय
बुध प्रदोष के दिन प्रदोष काल में किसी शिव मंदिर में जाकर तांबे के कलश में जल लेकर उसमें थोड़ा सा लाल चंदन डालकर भगवान को अर्पित करें। साथ ही ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से धन आगमन के मार्ग खुलेंगे।
बीमारी से छुटकारा पाने के लिए
यदि आपके परिवार में कोई बीमार है तो प्रदोष काल में भगवान शिव का आंवला मिश्रित जल से अभिषेक करें। बीमार व्यक्ति का नाम लेने के साथ ही भगवान शिव से उसके जल्द ठीक होने की प्रार्थना करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से बीमार व्यक्ति जल्द ही ठीक होने लगेगा।
यह भी पढ़े – Sakat Chauth Kab Hai 2023: सकट चौथ कब है? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
यह भी पढ़े – Basant Panchami Kab Hai 2023: इस साल कब है बसंत पंचमी? जानिए तिथि, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त