यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने जानकारी दी की संक्रमण हवा की वजह से तेजी से फैल रहा है। इसलिए लंबे वक्त तक घर से बाहर रहने वाले लोगों पर अटैक करता है। यूके, यूएस और कनाडा के छह सदस्यीय एक्सपर्टों की टीम को अध्यन में पता चला की एयरबॉर्न है। पर इससे भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय इंकार करता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वायरस हवा से न फैलकर व्यक्ति से व्यक्ति में फैलता है।
CDC ने भी इस बात को स्वीकार किया की SARS-CoV-2 कोविड-19 के कारण बनता है। सीडीसी (CDC) के अनुसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवारहित वायरस सांस लेने के दौरान निकलने वाली महीन बूंदें के रूप में प्रवेश करती है। कई बार यह वायरस खुद को परिवर्तीत करता है। इस का प्रोटीन इतना ताकतवर है की यह मानव कोशिकाओं में घुसपैठ करने की ताकत/क्षमता रखता है। और जब एक बार जब यह शरीर के अंदर चला जाता है। तो संक्रमण फैलना शुरू कर देता है।
खुलासा
वायरस को हवा में होने की संभावना को SARS-CoV-2 ट्रांसमिशन पर अमेरिकी चिकित्सा निकाय ने फोकस किया। अमेरिकी सीडीसी की वेबसाइट पर अपडेट किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार जब लोग सांस छोड़ते या किसी से बात करते या फिर कुछ बोलते तो उस समय वायरस आसपास की सतहों पर या हवा में मिलते है। और ज्यादा लम्बे समय तक एक्टिव रहते है। बातचीत करते समय मुंह से निकलने वाली लार की बड़ी या छोटी बूंदें हवा में घंटों तक उपस्तिथ रहती है।
वायरस 6 फीट दूर रहने वाले लोगों को नहीं करता प्रभावित
यूएस सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार वायरस 6 फीट की दूरी पर रहने वाले लोगों को प्रभावित नहीं कर सकता। पर हवा के माध्यम से वायरस घर से लंबे समय तक बाहर रहने वाले लोगों में प्रवेश जरूर कर सकता है। और आसपास के लोगों को अपना शिकार बना सकता है।