Chaitra Navratri 2022: मां जगदम्बा की पूजा का पावन पर्व कल यानी 02 अप्रैल, शनिवार से शुरू होने जा रहा है। इस साल चैत्र नवरात्रि 02 अप्रैल 2022 से शुरू होकर 11 अप्रैल तक चलेगी। इस दौरान विधि-विधान से मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। नवरात्रि (Navratri) का त्योहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी कहा जाता है। यह एक धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि (Navratri) के दौरान उपवास रखने और पूरी भक्ति के साथ देवी दुर्गा की पूजा करने से वह अपने भक्तों पर प्रसन्न होती हैं। साथ ही उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्रि के दौरान लोग अपने घर में अखंड ज्योति जलाते हैं और इन नौ दिनों के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि (Navratri) में कलश स्थापना का भी विधान है। अब नवरात्र शुरू होने में कुछ ही समय बचा है। नवरात्रि की खरीदारी के लिए बाजारों में काफी भीड़ रहती है। ऐसे में आपको पूजा सामग्री की सूची बना लेनी चाहिए। यहां हम आपके लिए लाए हैं पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट. तो आइए जानते हैं इसके बारे में….
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
सबसे महत्वपूर्ण चीज है मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर। इसके अलावा लाल रंग मां दुर्गा का सबसे खास रंग माना जाता है। इसलिए पूजा में आसन के रूप में लाल रंग के कपड़े का प्रयोग करें।
अन्य सामग्री में – फूल, फूलों की माला, आम के पत्ते, बंदनवार, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, थोड़ा सा पिसा हुआ हल्दी, मौली, रोली, कमलगट्टा, शहद, शक्कर, पंचमेवा, गंगाजल, नैवेध, जावित्री, नारियल जटा वाला, सूखा नारियल, नवग्रह पूजा के लिए सभी रंग या चावल को रंग दें, दूध, वस्त्र, दही, पूजा की थाली, दीपक, घी, अगरबत्ती आदि पहले से इकट्ठा कर लें।
कलश स्थापित करने के लिए सामग्री
नवरात्रि (Navratri) में कलश स्थापना का विशेष महत्व है। कलश में भगवान गणेश के अलावा नक्षत्र और ग्रह विराजमान होते हैं। ऐसा माना जाता है कि कलश में गंगाजल के अलावा तैंतीस कोटि के देवी – देवताओं का वास होता है। ऐसे कलश की स्थापना बहुत ही शुभ मानी जाती है। इसके लिए मिट्टी, मिट्टी का घड़ा, मिट्टी का ढक्कन, कलावा, जटा युक्त नारियल, जल, गंगाजल, लाल रंग का कपड़ा, मिट्टी का दीपक, मौली, थोड़ा सा अक्षत, हल्दी-चूने का तिलक आदि की आवश्यकता होगी।
माँ दुर्गा के सोलह श्रृंगारों की सूची
नवरात्रि में मां दुर्गा के सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व है। श्रृंगार सामान में लाल चुनरी, लाल चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, काजल, मेहंदी, महावर, आईना, बिछिया, इत्र, चोटी, माला या मंगलसूत्र, पायल, नेल पेंट, लिपस्टिक, रबर बैंड, नथ, गजरा, मांग टीका, कान की बाली, कंघी, शीशा आदि पहले से ही रख लें।
हवन के लिए सामग्री
हवन करने से घर का वातावरण शुद्ध होता है। ऐसे में नवरात्रि में हवन कुंड, एक जोड़ी लौंग, कपूर, सुपारी, गुग्गल, लोबान, घी, पांच मेवा और अक्षत हवन के लिए रखें।
अखंड ज्योति के लिए सामग्री
यदि अखंड ज्योति जलाना है तो पीतल या मिट्टी का साफ दीया, जोत के लिए रूई की बत्ती, रोली या सिंदूर, चावल अवश्य रखें।
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