Chaitra Purnima 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने की आखिरी तारीख को पूर्णिमा कहा जाता है। चैत्र पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन श्री राम के भक्त हनुमान जी की जयंती भी मनाई जाती है। इसके अलावा इसी दिन भगवान कृष्ण ने ब्रज नगरी में गोपियों के साथ रचाया था। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान-पुण्य करने से सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। चैत्र के महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा, चैती पूनम आदि के रूप में जाना जाता है। पूर्णिमा तिथि पर भगवान नारायण की पूजा और उपवास किया जाता है। रात में चंद्रमा की पूजा कर अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ा जाता है। चैत पूर्णिमा के दिन किसी नदी, तीर्थ, सरोवर और जलकुंड में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय के बारे में।
चैत्र पूर्णिमा 2022
चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima): दिनांक 16 अप्रैल 2022, शनिवार
पूर्णिमा तिथि (Purnima Tithi) प्रारंभ: 16 अप्रैल, शनिवार 02:25 AM
पूर्णिमा तिथि (Purnima Tithi) का समापन: 17 अप्रैल 12:24 AM
चंद्रोदय का समय 16 अप्रैल, शनिवार, शाम 06:27 बजे
चैत्र पूर्णिमा का महत्व
चैत्र पूर्णिमा को हिंदू नव वर्ष की पहली पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। चैती पूर्णिमा के अवसर पर जो भक्त पूरी श्रद्धा से श्री हरि विष्णु की पूजा करते हैं। उन्हें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण का व्रत करने से लोगों को सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
चैत्र पूर्णिमा के दिन (Hanuman Jayanti) हनुमान जयंती
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन को हनुमान जयंती के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार हनुमान जयंती कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी और चैत्र शुक्ल पूर्णिमा दोनों को मनाई जाती है।चैत्र पूर्णिमा की पूजा विधि
- चैत्र पूर्णिमा के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें।
- उसके पश्चात चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) पर व्रत का संकल्प करे।
- इसके पश्चात भगवान नारायण की पूजा करें।
- हो सके तो सत्य नारायण का पाठ करें।
- उन्हें नैवेद्य अर्पित करें।
- आखिरी में ब्राह्मणों व गरीबों को दान और दक्षिणा दें।
- चंद्रदर्शन के पश्चात चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ें।
चैत्र पूर्णिमा पर धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय
चैत्र पूर्णिमा के दिन, देवी लक्ष्मी को 11 कौड़ी चढ़ाएं और हल्दी से उनका तिलक करें। अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर रख दें जहां आप अपना पैसा रखते हैं। ऐसा करने से घर में कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी।
शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी का पीपल के पेड़ में आगमन होता है। इस दिन सुबह स्नान करके पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाकर जल चढ़ाना चाहिए।
दाम्पत्य जीवन में मधुरता के लिए पति-पत्नी में से किसी एक को पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए। पति-पत्नी एक साथ अर्घ्य भी दे सकते हैं। इस उपाय से आपके दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता बनी रहेगी।
इन मंत्रों का जाप करें
चैत्र पूर्णिमा पर चंद्रोदय के समय चंद्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए और साथ ही मंत्र “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:” या ” ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम: ” का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक परेशानी खत्म हो जाती है।
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