Chanakya Niti In Hindi: अर्थशास्त्र के आचार्य चाणक्य मर्मज्ञ माने जाते थे। और इसी वजह से आचार्य चाणक्य को कौटिल्य भी कहा जाता था। साथ ही आचार्य चाणक्य राजनीति और कूटनीति में भी कुशल थे। श्रेष्ठ विद्वान के साथ चाणक्य एक योग्य शिक्षक भी थे।
Chanakya Niti In Hindi: आचार्य द्वारा लिखित नीतिशास्त्र में बाते जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जिक्र करती है। लोगों के बीच नीतिशास्त्र की बातें खासी लोकप्रिय हैं। ऐसे लोगों के बारे में नीतिशास्त्र में बताया गया है। जिनसे दूर रहने में ही समझदारी/ भलाई होती है। ऐसे लोगों का भरण-पोषण व साथ रहना बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकता है।
मूर्ख को उपदेश देना
चाणक्य नीति के मुताबिक मूर्ख को उपदेश देना बिलकुल व्यर्थ है। इसलिए उन्हें उपदेश नहीं देना चाहिए। वे अपने कुतर्कों के आगे सही बात को भी सही नहीं मानते हैं। जिससे बहुमूल्य समय ज्ञानी लोगों का नष्ट होता है। इसलिए मूर्खों को उपदेश व साथ रहने से बचे।
ऐसे लोगों का न करना चाहिए भरण-पोषण
वैसे तो किसी का भरण पोषण बहुत ही पुण्य का काम होता है। लेकिन नीतिशास्त्र के अनुसार जो कर्कशा और चरित्रहीन है। जो हमेशा ही बुरे कर्मों में लिप्त है। ऐसे व्यक्तियों का भरण पोषण कभी भी नहीं करना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों का भरण पोषण व साथ रहने से अपशय मिलता है। धन व सम्मान को भी हानि व ठेश पहुँचती है।
बेकार में दुखी रहने वाले व्यक्ति
हर बात पर कुछ लोग दुखी होते रहते हैं। अकारण ही सभी सुखों के होने पर भी दुख व्यक्त करते रहते हैं। उनसे दूरी बनाकर रखे। ऐसे लोगों के साथ रहने से नकारात्मक विचार मनुष्य में स्वयं आने लगते हैं। जिससे इसका जीवन में बुरा असर पड़ता है। ऐसे लोग न तो स्वयं आगे बढ़ते है बल्कि दूसरे को भी आगे नहीं बढ़ने देते हैं।
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