Chanakya Niti In Hindi: अपने जीवन में हर तरह की परिस्थितियों का सामना आचार्य चाणक्य ने किया। पर कभी हार न मानी व आत्मविश्वास बनाए रखा। उन्होंने अपने शत्रु घनानंद का अपनी बुद्धिमत्ता और नीतियों के बल पर नाश किया। व शासक के रूप में चंद्रगुप्त मौर्य को स्थापित किया।
Chanakya Niti In Hindi: मनुष्य के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों का जिक्र आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में किया है। यदि इन नीतियों का अगर व्यक्ति अनुसरण करे तो एक सुखी संतुष्ट और सफल जीवन व्यतीत कर सकता है। चार ऐसे कार्यों के बारे में । आचार्य चाणक्य बताया है। जिन्हें करने के बाद व्यक्ति को स्नान अवश्य करना चाहिए।
तैलाभ्यङ्गे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि.
तावद् भवति चाण्डालो यावत् स्नानं न चाचरेत्
आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में बताया की व्यक्ति को स्नान किन कार्यों को करने के बाद करना जरूरी है।
शरीर की तेल मालिश करने के बाद
आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को शरीर की तेल मालिश करने के पश्चात स्नान जरूर करना चाहिए। शरीर पर तेल मालिश करने के पश्चात रक्त संचार तेज व रोम छिद्रों में से पसीना निकलता है। इसलिए स्नान तेल मालिश के बाद अवश्य करें।
शवयात्रा या श्मशान से आने के बाद
चाणक्य के अनुसार शवयात्रा या शमशान से लौटने के पश्चात हमे स्नान कर लेना चाहिए। क्योंकि जब किसी की मौत होती है। तो कई तरह के कीटाणु उसके शरीर
पर पनपने लगते हैं। और जब कोई शव के आसपास व उसे छूता है। तो वे कीटाणु हमारे शरीर और कपड़ों में हवा के माध्यम से लग जाते हैं , इसलिए शवयात्रा या शमशान से आने के पश्चात स्नान व कपड़े धोना बहुत ही जरूरी है।
काम-क्रीड़ा करने के बाद
चाणक्य के चाणक्य नीति के अनुसार किसी स्त्री-पुरुष को प्रेम प्रसंग क्रिया करने के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए। शरीर काम क्रीड़ा के बाद अपवित्र हो जाता है। व बिना स्नान के कोई भी पूजा पाठ का कार्य नहीं किया जा सकता।
बाल कटवाने के बाद स्नान करना है आवश्यक
बाल कटवाने के बाद व्यक्ति को स्नान अवश्य करना चाहिए। क्योंकि छोटे छोटे बाल शरीर पर बाल कटवाने के बाद चिपक जाते हैं। इन बालों को हटाने के लिए स्नान करना आवश्यक होता है।
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