Chanakya Niti: आचार्य एक एक उच्च कोटि के विद्वान के साथ योग्य शिक्षक भी थे। आचार्य ने अर्थ शास्त्र सहित कई महत्वपूर्ण शास्त्र लिखे। विभिन्न विषयों में गहरी समझ और बुद्धिमत्ता की वजह से आचार्य चाणक्य कौटिल्य के नाम से प्रसीद हुए है। अपने गुरु चणक से ही उनकी चाणक्य नाम प्राप्त हुआ था। आज भी लोगों को इनके द्वारा लिखे गयी नीतिशास्त्र की बातें सही रहा दिखाती हैं। इनकी नीतियों को वैसे तो कई लोग तोड़-मरोड़ कर भी पेश करते हैं। पर यदि आचार्य की नीतियों का सार समझकर सही तरीके समझकर जीवन में उतार लिया जाए तो एक सफल,सुखी व संतुष्ट व्यतीत किया जा सकता है। रिश्तों के बारे में भी आचार्य चाणक्य ने महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। अगर ऐसे रिश्ते किसी के जीवन में होते हैं तो वह इंसान बहुत ही भाग्यशाली होता है। ऐसे इंसान के लिए तो धरती ही स्वर्ग होती है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
आज्ञाकारी बुद्धिमान संतान-
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार जिस व्यक्ति की संतान आज्ञाकारी और बुद्धिमान है। उसके लिए तो धरती पर हि स्वर्ग के समान सुख होता है। ऐसी संतान हमेशा अपने माँ-बाप को सुख पहुंचाती है। और समाज में हमेशा ही उनके मान-सम्मान में वृद्धि करती है। ऐसी संतान को पाने वाला इंसान बहुत ही भाग्यशाली होता है।
धर्म के मार्ग पर चलने वाली स्त्री
चाणक्य नीति के अनुसार अगर किसी इंसान की पत्नी धर्मपरायण है। तो वह स्त्री अपने पति के घर को स्वर्ग बना देती है। ऐसी स्त्री को सही और गलत का भान होता है। वह हमेशा ही सत्कर्मों की तरफ प्रेरित होती है। अपनी संतान को ऐसी स्त्री संस्कारी बनाती है। व फैमिली में भी समांजस्य बनाकर चलती है। सुख और दुख दोनों परिस्थितियों में धर्मपरायण स्त्री अपने पति का सदैव साथ देती है। इसलिए ऐसे इंसान बहुत ही भाग्यशाली होते हैं।
आत्मिक रुप से संतुष्ट
चाणक्य नीति के अनुसार सुखी रहने के लिए सबसे जरूरी इंसान का संतुष्ट होना है। अपने जीवन में जो इंसानआत्मिक रुप से संतुष्ट होता है। धन और मोह की चीजें उसके लिए जीवन में कोई मायने नहीं रखती है। दुख ऐसे व्यक्ति को नहीं होता। इसलिए आत्म संतुष्टि जिसे है। उसके लिए तो धरती पर ही स्वर्ग की तरह सुख होता है।
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