Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य न केवल कुशाग्र बुद्धि के धनी थे बल्कि श्रेष्ठ विद्वान व एक योग्य शिक्षक थे। आचार्य चाणक्य ने जीवन का एक बड़ा भाग शिक्षा प्रदान करते हुए बिताया है। इन्होने शिक्षा विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय से प्राप्त की साथ ही विद्यार्थियों को यंहा आचार्य रहते हुए शिक्षा भी प्रदान की।
चाणक्य राजनीति और कूटनीति में कुशल थे। नीतिशास्त्र में चाणक्य ने अपने ज्ञान और अनुभव को पिरोया है। महामारी व युद्ध जैसे हालातों के लिए भी आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में महत्वपूर्ण बातें बताई है। महामारी के समय में अगर अपने और व्यवहार के सही रखा जाए तो कठिन इ मुश्किल हालात का भी सामना आसानी से कर सकते है। तो फिर जानते है क्या कहती है चाणक्य नीति। Chanakya Niti In Hindi.
महामारी की स्थिति होने पर
नीति शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को अपना आपा महामारी जैसा संकट आने पर नहीं खोना चाहिए। महामारी के वक्त परेशान होने की बजाए सतर्कता व सावधानी से काम करना चाहिए। भावुक होने की बजाए सूझ-बूझ से कोई भी फैसला लेना चाहिए। नकारात्मक विचारों को मन से दूर व सदैव सकारात्मकता बनाए रखनी चाहिए। साथ ही इसके लिए अन्य को भी प्रेरित करना चाहिए।
युद्ध की स्थिति में
चाणक्य नीति कहती है की युद्ध की स्थिति में व्यक्ति को अपनी हिम्मत और हौसला नहीं खोना चाहिए। हिम्मत और हौसला सदैव बनाए रखना चाहिए। युद्ध की स्थिति में समस्या से भागने के बजाए समस्याओ से निकलने की युक्ति के बारे में विचार करना चाहिए। और अपनी ऊर्जा को सही दिशा में प्रक्षेपित करना चाहिए।
जब शत्रु हो अधिक शक्तिशाली
चाणक्य नीति कहती है की अगर आपका शत्रु अधिक बलशाली है। तो उस वक्त जोश न दिखाकर होश से काम लेना चाहिए। ऐसे वक्त में शत्रु को सामने से ललकारना मुशीबते कड़ी कर सकता है। यदि ऐसे समय में पीछे हटना पड़े तो हट जाना चाहिए। और अपने शत्रु का योजनाबद्ध तरीके से सभी को एकत्रित करने के बाद शत्रु का सामना करना चाहिए।
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