Chanakya Niti: चाणक्य नीति प्राचीन भारत के महान रणनीतिकार, विद्वान, शिक्षक, सलाहकार और अर्थशास्त्री चाणक्य द्वारा लिखी गई थी। मौर्य वंश की सफलता के पीछे चाणक्य की कूटनीति थी। महान रणनीतिकार और अर्थशास्त्री चाणक्य ने अपनी नीतियों के बल पर नंद वंश को नष्ट कर दिया था और एक साधारण बच्चे चंद्रगुप्त मौर्य को अपनी नीतियों के कारण मगध का सम्राट बना दिया था। चाणक्य को न केवल राजनीति बल्कि समाज के हर विषय का भी गहरा ज्ञान और अंतर्दृष्टि थी। इसे बड़े पैमाने पर चाणक्य के सबसे महान कार्यों में से एक माना जाता है और आज भी कई महान शासकों, नेताओं और प्रसिद्ध हस्तियों द्वारा इसका पालन किया जाता है। चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जिनका पालन करने वाला व्यक्ति कभी निराश नहीं होगा। आइए जानते हैं हमेशा सेहतमंद रहने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए –
1. अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्।
भोजने चामृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम्।।
मतलब भोजन न पचने पर पिया हुआ पानी औषिधि के समान है। पानी भोजन पचने के करीब आधे से एक घंटे बाद पीना शरीर के लिए लाभदायक माना गया है। थोड़ा पानी भोजन के बीच में पीना अमृत के समान माना गया है। और वही पानी का सेवन भोजन के तुरंत बाद विष के समान होता है।
2. चूर्ण दश गुणो अन्न ते, ता दश गुण पय जान।
पय से अठगुण मांस ते तेहि दशगुण घृत मान॥
मतलब पीसा हुआ अन्न खड़े अन्न की तुलना में ज्यादा पौष्टिक होता है। पिसे अन्न से दूध 10 गुना ज्यादा फायदेमंद होता है। व दूध से 10 गुना मांस और मांस से 10 गुना पौष्टिक घी होता है।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक सप्ताह में एकबार पूरे शरीर की मालिश च्छी सेहत और निरोगी काया के लिए करनी चाहिए। शरीर की मालिश रोम छिद्र खुल जाते हैं। अंदर की गंदगी बाहर हो जाती है। मालिश करने के बाद स्नान जरूर ही करना चाहिए।
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