आचार्य चाणक्य के चाणक्य नीति के मुताबिक पांच प्रकार के यह संकेत आर्थिक स्थिति के कमजोर होने की तरफ इशारा / संकेत करते है। अगर आपको भी अपने जीवन में ऐसे संकेत नजर आ जाए तो आपको तुरंत ही सावधान हो जाना चाहिए। नहीं तो आप कंगाली की तरफ जा सकते है।
संकेत
तुलसी के पौधे का सूखना
आचार्य चाणक्य के चाणक्य नीति के अनुसार अगर आपके आंगन में लगा तुलसी का पौधा सूखने लगे तो इसे अशुभ संकेत माना गया है। तुलसी का सूखा हुआ पौधा आर्थिक स्थिति की कमजोरीको दर्शाता है। तुलसी का पौधा घर में बहुत ही शुभ माना जाता है। धन और सुख-समृद्धि का आगमन घर में तुलसी की पूजा करने से होता है। तुलसी का पौधा आपके घर में हरा-भरा होना चाहिए।
घर में क्लेश होना
यह भी आर्थिक स्थिति के कमजोर होने की तरफ इशारा करता है। गृह क्लेश जिन घरों में होता है। विवाद की स्थिति परिजनों के बीच बनी रहती है। मां लक्ष्मी का वास ऐसे घरों में कभी नहीं होता। घर में प्रेम भाव घर की सुख-समृद्धि के लिए होना आवश्यक है।
कांच का टूटना
आचार्य चाणक्य के अनुसार कांच का टूटना भी दरिद्रता का संकेत माना जाता है।
टूटा हुआ कांच और शीशा घरों में नहीं होना चाहिए। टूटता कांच जिन घरों में होता है। आर्थिक संकट आने की आशंका घरो में बनी रहती है। इसलिए तुरंत घर से बाहर टूटा हुआ कांच निकाल दें।
घर में पूजा-पाठ का अभाव
पूजा पाठ करना घर में सकारात्मक ऊर्जा के लिए जरूरी होता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार नियमित पूजा पाठ जिन घरों में नहीं होता है। दरिद्रता का
आगमन व ऐसे घरों में ईश्वर कृपा नहीं बरसती है। पूजा-पाठ से जो लोग दूरी बना लेते हैं। आर्थिक संकट की आशंका घर में बनी रहती है।
घर में बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार
आचार्य चाणक्य के चाणक्य नीति के अनुसार बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार जिन घरों में होता है। अपमानित किया जाता है। आर्थिक स्थिति ठीक कभी भी ऐसे घरी को सही नहीं होती है। बड़ों का सम्मान और बुजुर्गों की सेवा घर में हमेशा करनी ही चाहिए।
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