Chandra Grahan 2022: साल 2022 की शुरुआत के बाद सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू होने जा रही है। हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण कब लगने वाला है।
Chandra Grahan: साल 2022 की शुरुआत के बाद सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2022) और चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) की भी प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। हर कोई यह जानने के लिए उत्सुक है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण कब लगने वाला है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा के बीच आ जाता है। आपको बता दें कि चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा की तारीख को और सूर्य ग्रहण अमावस्या को लगता है। इस दौरान राहु-केतु का प्रकोप धरती पर बना रहता है। कहा जाता है इसलिए ग्रहण के दौरान किया गया काम भी खराब हो जाता है। इसलिए इस समय शुभ कार्य करना वर्जित है।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) के दौरान और भी कई सावधानियां बरतने की जरूरत है। खासकर गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। चंद्र ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणों का जन्म होने वाले बच्चे पर बुरा प्रभाव डालता है। ज्योतिष और खगोल विज्ञान के अनुसार इस साल 2022 में दो चंद्र ग्रहण होंगे। आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण की तारीख और समय के बारे में।
कब लगेगा पहला चंद्र ग्रहण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार साल 2022 में पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को लगने जा रहा है। भारत समेत कई देशों में देखने को मिलेगा। साल के पहले चंद्र ग्रहण में सूतक मान्य नहीं होगा । यह पूर्ण चंद्र ग्रहण है। चंद्र ग्रहण का समय सुबह 08:59 बजे शुरू होगा और सुबह 10:23 बजे समाप्त होगा।
कब लगेगा दूसरा चंद्रग्रहण?
इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण 8 नवंबर को लगेगा। इसे भारत समेत कई देशों में देखा जा सकता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण के कारण सूतक मान्य रहेगा। चंद्र ग्रहण का समय दोपहर 1:32 बजे शुरू होगा और शाम 7:27 बजे समाप्त होगा। और इस दौरान ग्रहण के सभी नियमों का पालन करना जरूरी है।
कहां दिखेगा साल का पहला (Chandra Grahan) चंद्र ग्रहण
साल का पहला चंद्र ग्रहण दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, दक्षिण-पश्चिम एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में भी दिखाई देगा। क्योंकि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल प्रभावी होगा।
कहां दिखेगा साल का दूसरा और आखिरी (Chandra Grahan) चंद्र ग्रहण
यह चंद्र ग्रहण उत्तर-पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका से दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण की दृश्यता भारत में शून्य होगी, इसलिए यहां इसका सूतक काल भारत में नहीं मान्य होगा।
ग्रहण की दृश्यता के अनुसार उसके प्रभाव का अनुमान लगाया जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार जहां ग्रहण दिखाई देता है वहां के लोगों पर इसका प्रभाव पड़ता है। तभी उसका सूतक काल मान्य होता है। यदि भारत में ग्रहण देखा जाता है, तो सूतक काल मान्य होता है। यदि भारत में ग्रहण दिखाई नहीं देता है, तो सूतक काल मान्य नहीं होगा। धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान मांगलिक कार्य वर्जित हैं। मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।
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