कंट्रोल रूम कोरोना संक्रमितों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापित स्थापित किया गया था। लेकिन वह ठीक से काम नहीं कर रहा है। इस वजह से अस्पताल में मरीजों को न केवल बेड मिलने में परेशानी हो रही है। बल्कि बिना उपचार के मौते भी हो रही है।
यह हाल उस समय है जब कई अस्पतालों में बेड प्रशासन ने खाली कराएं हैं। पर ऐसी कोई सूचना कंट्रोल रूम में नहीं है। नोएडा के सेक्टर-51 स्थित केंद्रीय विहार में ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
शनिवार सुबह बुजुर्ग महिला मालती त्रिपाठी को सांस लेने में परेशानी महसूस हुई।बुजुर्ग महिला का ऑक्सीजन स्तर तेजी से घटकर 70-75 तक पहुंच गया था। बेटे अंकित का का आरोप है की नोएडा के अस्पतालों में मां को भर्ती कराने के लिए चक्कर काटे। पर कही भी बेड न मिला। बेटे अंकित ने कंट्रोल रूम के नंबर 18004192211 पर कॉल कर मदद मांगी।
फोन उठाने वाले व्यक्ति ने नाम-पता पूछने के बाद बेड अभी खाली नहीं हैं। फोन लगाकर पूछते रहिये। बेड खाली होगा तो जानकारी दी जाएगी। मां को लेकर अंकित कोविड अस्पताल सेक्टर-39 भी गए। जंहा ऑक्सीजन भी देने की मांग की। पर उनकी किसी ने नहीं सुनी। और उपचार न मिल पाने की वजह से शनिवार शाम मालती त्रिपाठी की मौत हो गई। परिजन इंतजार करते रहे। और बेड नहीं मिलने की वजह से शनिवार शाम को मालती ने दम तोड़ दिया।
ग्रेनो नाम के एक अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा हंगामा और तोड़फोड़ की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। संबंधित थाना पुलिस भी सूचना पर अस्पताल में पहुंच गई। सूचना पर अस्पताल पहुंचे थाना प्रभारी ने बताया कि मरीज की मौत के बाद किसी ने भी हंगामे और तोड़फोड़ की जानकारी नहीं दी। कोई शिकायत मरीज की मौत के संबंध में नहीं की गई। इस तरह की घटना से अस्पताल प्रबंधन ने इनकार किया।
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