Garud Puran: गरुड़ पुराण जीवन जीने के सही तरीके के बारे में भी बताता है। ऐसा माना जाता है कि इसमें लिखी सारी बातें खुद भगवान विष्णु ने अपने मुंह से बताई हैं। अगर कोई व्यक्ति इन बातों का पालन करे तो सभी स्थितियों से बचा जा सकता है।
गरुड़ पुराण (Garud Puran) के अधिष्ठात देवता भगवान विष्णु हैं। कहा जाता है कि इस पुराण में लिखी बातों को स्वयं नारायण ने बताया है। गुरु पुराण में नारायण ने जन्म से लेकर मृत्यु तक की स्थितियों, मृत्यु के बाद की स्थितियों और पुनर्जन्म का वर्णन किया है। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी की मृत्यु के बाद घर में गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है। तो मरने वाले व्यक्ति को नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
साथ ही जो जीवित हैं उनके जीवन की स्थिति में सुधार होता है। क्योंकि गरुड़ पुराण में भी जीवन जीने के सही तरीके के बारे में बताया गया है। यही कारण है कि गरुड़ पुराण को महापुराण कहा जाता है। गरुड़ पुराण में कई ऐसी बातें बताई गई हैं। जिन्हें अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है। जिससे उसे लोक-परलोक दोनों में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
1. गरुड़ पुराण (Garud Puran) में बताया गया है कि अपने दिन की शुरुआत व्यक्ति को सदैब भगवान का नाम लेकर ही करनी चाहिए। ऐसा करने वाले व्यक्ति पर भगवान की कृपा बनी रहती है। और उसे हर काम में सफलता मिलती है। भगवान विष्णु जगत् के पालनहार हैं। यदि दिन की शुरुआत नियमित रूप से इनका स्मरण करने से हो तो जीवन में सुख-समृद्धि आदि की कमी नहीं रहती। लेकिन पूजा पूरी लगन से करनी चाहिए न कि किसी स्वार्थ से।
2. शास्त्रों में एकादशी का व्रत सबसे उत्तम बताया गया है। इस व्रत का उल्लेख गरुड़ पुराण में भी मिलता है। यदि कोई व्यक्ति जीवन में एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करता है। तो उसे जीवन के सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की ओर अग्रसर होता है। यह व्रत मनुष्य के सभी पापों का नाश करने वाला होता है।
3. शास्त्रों में भी गंगा नदी की पवित्रता का उल्लेख किया गया है। साथ ही इसे व्यक्ति को तारने वाली नदी भी कहा गया है। घर में सभी को गंगाजल रखना चाहिए। प्रतिदिन घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। किसी भी शुभ कार्य के लिए जाते समय मां गंगा का ध्यान करें और अपने ऊपर गंगा जल छिड़कें।
4. तुलसी को मोक्षकारक कहा गया है। कहा जाता है कि मृत्यु के समय यदि तुलसी का पत्ता मुख में रखा जाए तो व्यक्ति परमधाम को प्राप्त होता है। क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन घर में एक तुलसी का पौधा रखना चाहिए और उसमें नियमित रूप से जल देना चाहिए और तुलसी के नीचे दीपक जलाना चाहिए।
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