Garud Puran: जब आत्मा शरीर छोड़ती है। तो उस शरीर से उसका लगाव आसानी से समाप्त नहीं होता है। आत्मा के मोह को समाप्त करने और अगले जन्म में एक नए शरीर के साथ एक बेहतर यात्रा की कामना के साथ अंतिम क्षण में कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है।
भगवान श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि मृत्यु अपरिवर्तनीय है। इसे कोई टाल नहीं सकता। जीवन और मृत्यु का चक्र तब तक चलता है। जब तक आत्मा परमात्मा के चरणों में विलीन नहीं हो जाती। इस प्रकार आत्मा अनेक शरीरों को बदलती रहती है। जब आत्मा शरीर छोड़ती है। तो उस शरीर से उसका लगाव आसानी से समाप्त नहीं होता है। गरुड़ पुराण (Garud Puran) में मृत्यु के पश्चात आत्मा के मोह को समाप्त करने और अगले जन्म में उसे एक संपूर्ण शरीर देने की कामना के साथ कुछ नियम बताए गए हैं। जानिए इन नियमों के विषय में।
1. गरुड़ पुराण के अनुसार दाह संस्कार के बाद भी आत्मा का अपने परिवार के प्रति मोह समाप्त नहीं होता है। और वह किसी तरह अपने परिवार में लौटना चाहती है। इसलिए शव को आग के हवाले करने के बाद मृतक के परिजन लौटते समय पीछे मुड़कर नहीं देखते। इससे आत्मा को संदेश जाता है कि उसके प्रति परिवार के सदस्यों का मोह समाप्त हो गया है। और अब आत्मा को इस मोह को छोड़कर आगे की यात्रा करनी चाहिए।
2. कहा जाता है कि मृत्यु के समय केवल उसके कर्म ही आत्मा का साथ देते हैं। इसलिए मृत्यु से पहले तिल, लोहा, सोना, कपास, नमक, सात प्रकार के अनाज, भूमि, गाय, पानी के बर्तन व पादुका दान करना चाहिए। . ऐसा करने से आत्मा को यम के मार्ग में कष्ट नहीं उठाना पड़ता।
3. गरुड़ पुराण के अनुसार ब्रह्मचारी व्यक्ति को माता-पिता और गुरु के अलावा किसी को कंधा नहीं देना चाहिए। इससे ब्रह्मचर्य भंग होता है। दाह संस्कार से पहले शरीर को गंगा जल से स्नान कराना चाहिए और चंदन, घी और तिल के तेल का लेप लगाना चाहिए।
4. दाह संस्कार के समय चिता की परिक्रमा की जाती है। परिक्रमा के माध्यम से मृत व्यक्ति के माध्यम से श्रद्धा व्यक्त की जाती है। इस दौरान मटके में छेद करके पानी भरकर परिक्रमा की जाती है। और अंत में मटके को तोड़ा जाता है। मृत व्यक्ति की आत्मा का उसके शरीर से मोह भंग करने के लिए मटके को फोड़ा जाता है।
5. घर लौटने के पश्चात मिर्च या नीम को चबाकर तोड़ लेना चाहिए। इसके पश्चात लोहा, जल, अग्नि और पत्थर को छूकर घर में प्रवेश करना चाहिए। इसके बाद 11 दिनों तक शाम के वक्त घर के बाहर दीप दान करना चाहिए।
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