Garuda Purana: गरुड़ पुराण वैष्णव संप्रदाय से संबंधित एक महान पुराण है। सनातन धर्म में इसे मृत्यु के बाद मोक्ष देने वाला माना गया है। इसीलिए सनातन हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण सुना जाता है।
Garuda Purana: गरुड़ पुराण वैष्णव संप्रदाय से संबंधित एक महान पुराण है। सनातन धर्म में इसे मृत्यु के बाद मोक्ष देने वाला माना गया है। इसीलिए सनातन हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण सुना जाता है। आमतौर पर किसी की मृत्यु के बाद इसे पढ़ने की परंपरा है। इस पुराण के अधिष्ठाता देवता भगवान विष्णु हैं। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि रात में यानि सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार करना मना है। क्योंकि स्वर्ग के द्वार बंद हो जाते हैं और नरक के द्वार खुल जाते हैं। ऐसे में जीव की आत्मा को नर्क की पीड़ा भोगनी पड़ती है। इसी तरह इस पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का शव अकेला नहीं छोड़ा जाता है।
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गरुड़ पुराण के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक ग्रंथों में छिपे ज्ञान को समझना चाहिए और दूसरों को भी समझाना चाहिए। आपको धर्म और कर्म का ज्ञान भी होना चाहिए। इसलिए समय पर पाठ अवश्य करना चाहिए।
पराए घर ज्यादा देर न रहें
आपका घर आपका अपना है और वहां रहने से आपको सबसे ज्यादा सम्मान मिलता है। यह सिर्फ एक कहावत नहीं है, बल्कि सामाजिक रूप से परखा हुआ उदाहरण है। इसलिए कहा जाता है कि एक महिला को लंबे समय तक पराए घर में नहीं रहना चाहिए।
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