Garuda Purana: सनातन धर्म में 18 महापुराणों में से गरुड़ पुराण को एक माना गया है। जीवन से लेकर मृत्यु और उसके बाद की स्थितियों का गरूड़ पुराण में विस्तार से वर्णन किया गया है। गरुड़ पुराण में इसी विषय में वर्णन करते हुए ऐसी कई नीतियों का उल्लेख किया गया है। ऐसे पांच तरह के लोगों के बारे में गरुड़ पुराण में बताया गया है। जिनकी कभी भी संगति नहीं करनी चाहिए। ऐसे लोगो की संगति बर्बादी की ओर तरफ ले जाती है। तो चलिए जानते हैं कौन है वे लोग।
Garuda Purana: भाग्य के भरोसे रहने वाले लोग
जीवन में किसी भी कार्य के लिए जो लोग कर्म नहीं करतै है। सिर्फ भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं। परिश्रम नहीं करते है। वे न तो स्वयं सफल हो पाते है। और न ही साथ रहने वाले व्यक्ति को सफल होने देते है। इसलिए ऐसे लोग की संगती त्याग दे। उनसे दूर रहे है।
Garuda Purana: नकारात्मक सोच रखने वाले लोग
गरुड़ पुराण के अनुसार हर कार्य को लेकर जिन लोगों की सोच नकारात्मक होती। कभी भी व्यक्ति को उन लोगो के साथ नहीं रहना चाहिए। क्योकि आपकी सोच पर भी ऐसे लोगों का प्रभाव पड़ता है। सफलता में नकारात्मक सोच बाधक होती है। सदैव दूरी नकारात्मक लोगों से बनाकर ही रखनी चाहिए।
Garuda Purana: दिखावा करने वाले लोग
गरुड़ पुराण के मुताबिक धन और वस्तुओं का जो लोग दिखावा करते है। अहंकार की भावना रखते है। ऐसे लोगों से सदैव दूरी बनाए रखनी चाहिए। कई बार यह लोग अपने अहं के कारण दूसरों को अपमानित और दुखी कर देते है। इसलिए ऐसे लोगो के साथ न रहे।
Garuda Purana: फिजूल बातों में समय नष्ट करने वाले
गरुड़ पुराण के अनुसार जो लोग निंदारस में या इधर-उधर की बातों में लगे रहते हैं। ऐसे व्यक्ति की संगति कभी भी नहीं करनी चाहिए। ऐसे लोग न केवल अपन बल्कि दुसरो का भी समय बर्बाद करते हैं। ऐसे लोगों की संगति में जो लोग रहते हैं। वह भी कुछ वक्त के बात उन्ही की तरह व्यवहार करने लगते हैं। संगती हमेशा ज्ञानी लोगों की ही करनी चाहिए।