Garuda Purana: गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु की भक्ति का विस्तार से वर्णन किया गया है। और उनके चौबीस अवतारों को ठीक उसी तरह बताया गया है जैसे श्रीमद्भागवत में कहा गया है।
सनातन धर्म में गरुड़ पुराण (Garuda Purana) का विशेष महत्व माना गया है। गरुड़ पुराण को 18 महापुराणों में से एक माना जाता है। इसमें भगवान विष्णु की भक्ति का विस्तार से वर्णन किया गया है। और उनके चौबीस अवतारों को ठीक वैसा ही बताया गया है जैसा श्रीमद्भागवत में कहा गया है। गरुड़ पुराण में व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु और मृत्यु के बाद उसके कर्मों का आधार परस्वर्ग और नर्क के बारे में बहुत कुछ कहा गया है।
इस महापुराण में कुल 16 अध्याय हैं। नीति संबंधी सार तत्त्व, आयुर्वेद, ज्योतिष शास्त्र, सामुद्रिक शास्त्र, धर्म शास्त्र, व्रत-उपवास और जप-तप और कीर्तन आदि के बारे में बताया गया है। कुल मिलाकर इस महापुराण के माध्यम से लोगों को धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया गया है। और ऐसी गलतियों से बचने के लिए कहा गया है। जो व्यक्ति का जीवन खराब कर सकती हैं। यहां जानिए ऐसी 4 गलतियों के विषय में जो किसी भी व्यक्ति को नहीं करनी चाहिए।
घमंड न करें
अहंकारी व्यक्ति किसी को भी अपने से श्रेष्ठ नहीं समझना चाहता। ऐसा व्यक्ति जीवन में कुछ भी सीखना नहीं चाहता। किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं करना चाहता। उसे लगता है कि वह जो कर रहा है वह सही है। और सभी को उसका अनुसरण करना चाहिए। लेकिन वास्तव में अभिमान ही मनुष्य के विनाश की सीढ़ी है। यह न केवल उस व्यक्ति को बल्कि उसके पूरे वंश को नष्ट कर सकता है। इसलिए कभी भी घमंड न करें।
ग्रंथ का अपमान न करे
ग्रंथ कोई भी हो उसका अपमान कभी नहीं करना चाहिए। ग्रंथ हमेशा व्यक्ति को सही मार्ग दिखाते हैं। अच्छे कर्म करने की प्रेरणा देता है। इसलिए ग्रंथ में धर्म को पूजनीय माना गया है। इसका अपमान करना पाप है।
बड़ों का अपमान न करें
माता-पिता या उनके जैसे बड़ा बुजुर्ग हर व्यक्ति के लिए सम्माननीय होना चाहिए। अपने बड़ों का कभी अपमान न करें और न ही उनका दिल दुखाएं। ऐसा करने से बद्दुआ लगती है। जो व्यक्ति को नाश कर सकती है। इसलिए बड़ों का अपमान करना पाप माना जाता है।
दूसरों की बुराई करना
दूसरों की बुराई करने से न सिर्फ आपका वक्त बर्बाद होता है। बल्कि आपके विचार भी नकारात्मक होते हैं। इसके अलावा ऐसे व्यक्ति को असफलता हाथ लगती है। इसलिए कभी भी दूसरों की निन्दा नहीं करनी चाहिए। आपको अपने काम में ध्यान देना चाहिए।
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