Guru Mantra: ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को सुख, वैभव, धन, वैवाहिक जीवन, संतान और विवाह का कारक ग्रह माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में गुरु यानि गुरु ग्रह उच्च भाव में स्थित होता है, उन्हें हमेशा अच्छे और शुभ फल देता है। वहीं दूसरी ओर यदि कुंडली में गुरु ग्रह की दशा कमजोर हो तो जातक के जीवन में ज्ञान, मान सम्मान और धन की कमी होती है। बृहस्पति के कमजोर होने से मांगलिक कार्यों में विघ्न आने लगते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से भी काफी कष्ट उठाना पड़ता है। ऐसे में कमजोर बृहस्पति को ठीक करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए गुरुवार के दिन पूजा करनी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। वहीं गुरुदेव की कृपा से जातक के सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं। बृहस्पति को शांत करने के लिए गुरुवार के दिन कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में…
Guru Mantra –
गुरु का वैदिक मंत्र
ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु
यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।
बृहस्पति शांति मंत्र
देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।।
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।
ॐ ह्रीं नमः।
ॐ ह्रां आं क्षंयों सः ।।
बृहस्पति मंत्र
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।
ॐ बृं बृहस्पतये नमः।
ध्यान मंत्र
रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,
विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।
पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,
विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।
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