Hanuman Jayanti Date 2022: धार्मिक शास्त्रों में वर्णित सात चिरंजीवी में अश्वत्थामा, बाली, महर्षि वेदव्यास, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और भगवान परशुराम शामिल हैं। माना जाता है कि ये अमर आत्माएं हैं, जो आज भी हमारे बीच धरती पर मौजूद हैं। वहीं कलियुग में इन सात चिरंजीवी में सबसे ज्यादा महाबली हनुमान की पूजा की जाती है। हनुमान जी का नाम लेने से ही बड़े से बड़े संकट टल जाते हैं, बड़े से बड़े संकट दूर हो जाते हैं। भगवान श्री रामचंद्र के परम भक्त हनुमान जी की जयंती (Hanuman Jayanti Date) आने वाली है। अंजनी पुत्र महावीर हनुमान का जन्म चैत्र की पूर्णिमा के दिन हुआ था। इस साल यह तिथि 16 अप्रैल को है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव ने पव पुत्र हनुमान के रूप में जन्म लिया था। संकट मोचन हनुमान की जयंती पूरे देश में उल्लास के साथ मनाई जाती है। बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए कई लोग व्रत भी रखते हैं। लेकिन हनुमान जी की पूजा के संबंध में कुछ विशेष नियम बताए गए हैं, यदि आप उन नियमों के अनुसार पवन पुत्र हनुमान की पूजा करते हैं, तो हनुमान जी की कृपा आप पर हमेशा बनी रहेगी। आइए जानते हैं उन नियमों के बारे में…
ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी (Hanuman ji) की पूजा करते वक्त किसी भी तरह की यौन चर्चा नहीं करनी चाहिए। महाबली हनुमान की पूजा करते समय हमेशा ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना आवश्यक है।
प्रसाद में संकट मोचन हनुमान को बूंदी के लड्डू बहुत प्रिय हैं। ऐसे में पूजा में लड्डू जरूर शामिल करें, लेकिन हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
बजरंगबली की पूजा को सफल बनाने के लिए किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा हनुमान जयंती के दिन गलती से भी मांस और शराब का सेवन न करें।
हनुमान जी नित्य ब्रह्मचारी और महान योगी हैं, इसलिए उनकी किसी भी प्रकार की पूजा में वस्त्र से लेकर विचार तक पवित्रता, ब्रह्मचर्य और इन्द्रिय संयम को अपनाना सबसे महत्वपूर्ण है।
हनुमान जी की पूजा के दौरान महिलाओं को उनकी मूर्ति या प्रतिमा को नहीं छूना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि राम भक्त हनुमान स्त्रियों को माता स्वरूप मानते हैं। ऐसे में उन्हें यह पसंद नहीं है कि कोई महिला उनके चरणों के आगे झुक जाए।
हिंदू धर्म के अनुसार मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी की पूजा करने के लिए सबसे शुभ दिन हैं। ऐसे में आपको हनुमान जयंती के अलावा हर मंगलवार और शनिवार को विशेष कृपा पाने के लिए उनकी पूजा भी करनी चाहिए।