आज का हेल्थ टिप्स: शरीर को पर्याप्त पोषण और ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ कई प्रकार के रोगों के उपचार के रूप में पपीता खाने की सलाह दी जाती है। आहार फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर, पपीते में कई यौगिक होते हैं। जो शरीर को कई गंभीर बीमारियों के जोखिम से बचाने में मदद कर सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि पपीते का नियमित सेवन हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर और निम्न रक्तचाप के जोखिम को कम करने के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह आपके वजन को नियंत्रित करने में भी काफी मददगार हो सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पपीते का सेवन कुछ लोगों के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार पपीता खाना स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है। हालांकि कुछ स्थितियों में इसके सेवन से दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। ऐसे लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। आइए जानते हैं किन लोगों को पपीता खाने से बचना चाहिए?
गर्भावस्था के दौरान नहीं खाना चाहिए पपीता
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पौष्टिक आहार का सेवन बच्चे के विकास और गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान पपीता खाने से बचना चाहिए। इस फल में लेटेक्स होता है जो गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकता है। जिससे समय से पूर्व बच्चे के जन्म की स्तिथि आ सकती है। डॉक्टर की सलाह पर ही गर्भवती महिलाओं को चीजों का सेवन करना चाहिए।
निम्न रक्त शर्करा से पीड़ित लोग
पपीता मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए एक बेहतर फल माना जाता है। क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है। हालांकि जिन लोगों का ब्लड शुगर पहले से कम है। उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए। एंटी-हाइपोग्लाइसेमिक या ग्लूकोज कम करने वाले गुण पपीते में होते हैं। जो रक्त शर्करा के स्तर को बहुत कम कर सकते हैं। जिससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
धड़कन में अनियमितता वाले लोग
पपीता (papaya) खाने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। लेकिन अगर अनियमित दिल की धड़कन की समस्या से आप पहले से ही जूझ रहे है तो पपीता खाने से बचना चाहिए। एक अध्ययन से पता चलता है कि पपीते में सायनोजेनिक ग्लाइकोसाइड होता है। जो एक एमिनो एसिड होता है। यह मानव पाचन तंत्र में हाइड्रोजन साइनाइड का उत्पादन कर सकता है। ऐसी स्थिति दिल की धड़कन में अनियमितता से पीड़ित लोगों के लिए गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकती है।
एलर्जी वाले लोग
जिन लोगों को लेटेक्स से एलर्जी है उन्हें पपीता खाने से बचना चाहिए। पपीते में चिटिनासेस नामक एंजाइम होते हैं, जो लेटेक्स और उनमें मौजूद भोजन के बीच एक क्रॉस-रिएक्शन का कारण बन सकते हैं। जिससे छींक, सांस लेने में कठिनाई, खाँसी और आँखों में पानी आता है।
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