Jyeshta Month 2021 Date: 27 मई से ज्येष्ठ का महीना आरम्भ हो रहा है। और इसका समापन 25 जून 2021 को समाप्त होगा। आम बोलचाल में लोग इसे जेठ का महीना कहते / कहा जाता है। तीसरा माह तीसरा ज्येष्ठ का महीना होता है। उत्तर भारत में इस माह में भीषण गर्मी देखने को मिलती है। नौतपा के कारण माह के शुरूआती दिनों में गर्म हवाएं चलती हैं। कुछ विशेष नियम इस माह से जुड़े शास्त्रों में बताए गए हैं। तो चलिए जानते है की माह का महत्व और नियम — Jyeshta Month 2021 Date.
जल का महत्व
पानी का महत्व ज्येष्ठ के महीने में बहुत अधिक गर्मी पड़ने के कारण बढ़ जाता है। धरती में मौजूद पानी का वाष्पीकरण सबसे तेज जेठ में सूर्य के रौद्र रूप से हो जाता है। जिस वजह से नदियां और तालाब सूख जाते हैं। ऐसे में इस महीने में शास्त्रों में जल के संरक्षण पर विशेष जोर दिया जाता है।
जल का दान करें
ज्येष्ठ माह में गर्मी बहुत अधिक बढ़ जाती है। शास्त्रों के मुताबिक ज्येष्ठ माह में दान का बहुत अधिक महत्व होता है। गर्मी बढ़ने कारण पानी की समस्या शुरू हो जाती है। जिस कारण कई लोगो को पीने का पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है। और इसलिए जल का दान इस महीने में करना चाहिए। जरूरतमंद लोगों को पानी पिलाना बहुत शुभ व पुण्य का काम होता है। ऐसे लोगो पर भगवान की विशेष कृपा दृष्टि बनी रहती है।
पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें
पक्षियों के लिए घर के बाहर या छत में दाना-पानी जरूर रखना चाहिए। इस माह में नदी-तालाब सूखने के कारण पक्षियों को पानी नहीं मिलता है। इसलिए पक्षियों के लिए
घर के बाहर या छत पर दाना-पानी जरूर रखें। पक्षियों को दाना-पानी देना बहुत ही शुभ माना जाता है।
सूर्य को जल चढ़ाएं
सूर्य को नित्य सुबह जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार सूर्य पूजा का भी इस माह में विशेष महत्व होता है।