Magha Purnima Kab Hai 2022: शास्त्रों के अनुसार इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर पृथ्वी पर अमृत की वर्षा करता है। इसके अलावा माघ पूर्णिमा को संत रविदास जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन वाग्देवी यानी सरस्वती के रूप में ललिता महाविद्या की जयंती भी है।
Magha Purnima Kab Hai 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा या माघी पूर्णिमा कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन सत्संग, दान और पवित्र नदियों में स्नान और कल्पवास करने से पुण्य फल मिलता है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के रूप सत्यनारायण, मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर पृथ्वी पर अमृत की वर्षा करता है। इसके अलावा माघ पूर्णिमा को संत रविदास जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन वाग्देवी यानी सरस्वती के रूप में ललिता महाविद्या की जयंती भी है। होली के एक महीने पहले इस पूर्णिमा को होली का डांडा लगाया जाता है। इसलिए इसे होलिका डांडा रोपणी पूर्णिमा भी कहा जाता है। कुछ धार्मिक उपाय इस दिन करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। आइए जानते हैं क्या है यह उपाय
स्नान
पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी या घर में स्नान कर गंगा मैया का ध्यान कर भगवान श्री हरि की पूजा करनी चाहिए। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु गंगा जल में निवास करते हैं। इसलिए इस दिन गंगा जल का स्पर्श मात्र से ही व्यक्ति को वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों और दुखों का नाश होता है। मन और आत्मा की शुद्धि होती है। इस दिन किया जाने वाला महास्नान सभी रोगों का नाश करता है और शारीरिक, दैवीय और भौतिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है। माघ पूर्णिमा के दिन स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा के दोष दूर हो जाते हैं।
दान
स्नान के बाद बर्तन में काले तिल भरकर उसके साथ शीत निवारक वस्त्र दान करने से धन और वंश की वृद्धि होती है। दान के समय ‘ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ का मानसिक जाप करते रहना चाहिए।
सत्यनारायण कथा
इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करने से श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की अनंत कृपा बनी रहती है और सुख, सौभाग्य, धन और संतान की प्राप्ति होती है।
मां सरस्वती की पूजा
ज्ञान प्राप्ति के लिए इस दिन विधि विधान के अनुसार मां सरस्वती की पूजा करके सफेद फूल और खीर का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से छात्रों को परीक्षा में सफलता मिलेगी।
तर्पण
इस दिन पितरों को तर्पण करना बहुत फलदायी माना जाता है। ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और जीवन और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।
चंद्रमा को अर्घ्य
पूर्णिमा की रात्रि में चन्द्रमा के उदय होने के बाद ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करते हुए चाँदी के लोटे से चन्द्र देव को दूध और जल अर्पित करें। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
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