Mahakal Lok Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल परिसर का निर्माण 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा है, जो पांच हेक्टेयर में फैला है। महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain) में आने वाले लोगों को यहां कला और अध्यात्म का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलेगा। राजधानी दिल्ली से उज्जैन महाकाल कॉरिडोर जाने वाले यात्रियों के लिए सड़क, ट्रेन और फ्लाइट तीनों ही विकल्प उपलब्ध हैं।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल परिसर का निर्माण 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा है, जो पांच हेक्टेयर में फैला है। महाकाल लोक में आने वाले लोगों को यहां कला और अध्यात्म का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलेगा।
करीब 856 करोड़ रुपये की इस परियोजना का पहला चरण करीब 350 करोड़ रुपये में पूरा हो चुका है। मंदिर के पहले चरण का गलियारा 900 मीटर से अधिक लंबा है।
ऐसे पहुंचे मंदिर
अगर आप राजधानी दिल्ली से उज्जैन महाकाल कॉरिडोर जाना चाहते हैं तो सड़क, ट्रेन और फ्लाइट तीनों ही विकल्प उपलब्ध हैं। दिल्ली से कई ट्रेनें सीधे उज्जैन जाती हैं। वहां सड़क मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है।
दिल्ली से उज्जैन की दूरी करीब 800 किलोमीटर है। दिल्ली के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी यहां सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। अहमदाबाद, भोपाल, मुंबई, ग्वालियर जैसी इन जगहों से भी लोग सीधे उज्जैन जा सकते हैं। इंदौर से उज्जैन की दूरी लगभग 55 किलोमीटर है। इंदौर या भोपाल हवाई अड्डे पर हवाई जहाज से पहुंचने के बाद सड़क मार्ग से भी उज्जैन पहुंचा जा सकता है।
कला और अध्यात्म का मिश्रण है यह मंदिर
महाकाल लोक में भगवान शिव और उनके पूरे परिवार की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। भगवान शिव की लीलाओं का वर्णन करते हुए यहां छोटी और बड़ी लगभग 200 मूर्तियां स्थापित की गई हैं। भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध कैसे किया, इसका वर्णन यहां एक विशाल मूर्ति के माध्यम से किया गया है।
महाकाल लोक में 108 विशाल स्तंभ बनाए गए हैं। उन पर भगवान महादेव, शक्ति सहित भगवान गणेश और कार्तिकेय के चित्र उकेरे गए हैं। ये चित्र मूर्तियों के रूप में भी बनाए गए हैं और इनमें शिव, शक्ति, कार्तिकेय और गणेश की लीलाओं का वर्णन है। श्रद्धालुओं को मंदिर जाने में सुगमता के लिए 900 मीटर लंबा महाकाल पथ बना है।
प्रतिमाएं खुद बताएगी अपनी कहानी
महाकाल लोक के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु मोबाइल को स्कैन कर यहां स्थित मूर्तियों से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए प्रत्येक प्रतिमा के सामने एक बारकोड लगाया गया है, जिसे स्कैन करते ही जानकारी आपके मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को प्राचीन इतिहास और कहानियों की जानकारी देना है।
महाकाल कॉरिडोर को पौराणिक झील रुद्रसागर के किनारे विकसित किया गया है। भगवान शिव, देवी सती और अन्य धार्मिक कथाओं से संबंधित लगभग 200 मूर्तियां और भित्ति चित्र यहां उकेरे गए हैं। यहां सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, शिव के आनंद तांडव, शिव स्तम्भ, प्रवेश द्वार पर स्थापित नंदी की भव्य और विशाल मूर्तियां हैं।
इस परियोजना से मध्य प्रदेश के तीर्थ शहर उज्जैन में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। उज्जैन में हर साल 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग आते हैं। महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain) के उद्घाटन के बाद अब भक्तों की यह संख्या दोगुनी हो सकती है।
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