Mahakal Lok Ujjain: उज्जैन का प्रसिद्ध महाकाल कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम महाकाल मंदिर कॉरिडोर के पहले चरण यानी श्री महाकाल लोक प्रथम चरण का उद्घाटन करेंगे। मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल परिसर का 20 हेक्टेयर में विस्तार किया जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा है, जो पांच हेक्टेयर में फैला है। महाकाल लोक में आने वाले लोगों को यहां कला, तकनीक और अध्यात्म का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलेगा।
महाकाल लोक (Mahakal Lok Ujjain) में भगवान शिव और उनके पूरे परिवार की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। भगवान शिव की लीलाओं का वर्णन करते हुए यहां छोटी और बड़ी लगभग 200 मूर्तियां स्थापित की गई हैं। भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध कैसे किया, इसका वर्णन यहां एक विशाल मूर्ति के माध्यम से किया गया है।
महाकाल लोक में 108 विशाल स्तंभ बनाए गए हैं। उन पर महादेव, पार्वती सहित उनके पूरे परिवार के चित्र उकेरे गए हैं। ये चित्र बिल्कुल मूर्तियों की तरह हैं जिनमें शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की लीलाओं का वर्णन है।
अध्यात्म और आधुनिकता का संगम होगा महाकाल की यह नगरी। यहां हर मूर्ति के सामने एक बारकोड लगाया गया है, जैसे ही इसे स्कैन किया जाएगा, भगवान शिव की कहानी बताने वाली मूर्ति की पूरी जानकारी आपके मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को प्राचीन इतिहास और कहानियों की जानकारी देना है।
महाकाल मंदिर के निर्माण में करीब 750 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसके तहत पहले चरण में महाकाल पथ का काम पूरा किया जा चुका है, ताकि भक्त यहां के दर्शन कर सकें। यहां 108 स्तम्भों में शिव का आनंद तांडव, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं मौजूद हैं।
महाकाल लोक में 108 स्तंभों का निर्माण किया गया है। 910 मीटर का यह पूरा महाकाल मंदिर इन्हीं स्तंभों पर टिका है। मंदिर के गलियारों के साथ-साथ इसके द्वारों को भी बेहद भव्य रूप दिया गया है।
मध्य प्रदेश के तीर्थ नगरी उज्जैन में हर साल एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु आते हैं। वहीं, मंदिर के उद्घाटन के बाद भक्तों की यह संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है। महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन में पर्यटन भी तेज होगा।
महाकाल लोक के दर्शन करने आने वाले भक्त मोबाइल से स्कैन कर यहां स्थित प्रतिमाओं की जानकारी पा सकेंगे यहां घूमने के लिए और मंदिर की जानकारी के लिए किसी गाइड की जरूरत नहीं होगी इसके लिए प्रत्येक प्रतिमा के सामने एक बारकोड लगाया है जिसे स्कैन करते ही हर एक जानकारी आपके मोबाइल पर आ जाएगी इसका मकसद नई पीढ़ी को प्राचीन इतिहास और कथाओं की जानकारी देना है|
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