Mohini Ekadashi 2021 Date: 23 मई को मोहिनी एकादशी व्रत रखा जाएगा। मोहिनी एकादशी वैशाख माह शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहा जाता है। मोहिनी एकादशी का सभी एकादशी तिथियों में विशेष महत्व है। मोहिनी एकादशी का व्रत करने से शुभ और पुण्य फल की प्राप्ति व समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मोहिनी एकादशी मुहूर्त / Mohini Ekadashi Muhurat
मोहिनी एकादशी आरम्भ समय : 22 मई को सुबह 09 :15 मिनट से
मोहिनी एकादशी समापन समय : 23 मई को सुबह 06:42 मिनट तक
पूजा विधि / Mohini Ekadashi Pooja Vidhi
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- सात्विक भोजन करे।
- भोग-विलास को मन से त्यागे।
- भगवान विष्णु का स्मरण करे।
- स्नान कर व्रत का संकल्प करे।
- विष्णु की पूजा करे।
- भगवद् कथा का पाठ करे।
मोहिनी एकादशी कथा / Mohini Ekadashi Katha
मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के पश्चात जब देवता और दानवों के बीच अमृत पीने के लिए विवाद छिड़ गया था। तब देवता और दानवों के बीच भगवान विष्णु सुंदर नारी का रूप धारण पहुंचे। सुंदर नारी के रूप से दानवों ने मोहित होकर
अमृत का कलश उन्हें सौंप दिया।
भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने मोहिनी (Mohini) रूप धारण करते हुए सारा अमृत देवताओं को पिला दिया। जिस वजह से देवता अमर हो गये। मोहिनी रूप में जिस दिन भगवान विष्णु प्रकट हुए उस दिन एकादशी (Ekadashi) तिथि थी। और इसी मोहिनी (Mohini) रूप की पूजा मोहिनी एकादशी के दिन की जाती है।
भगवान विष्णु (Lord Vishnu) त्रेता युग में राम का अवतार लेकर पृथ्वी पर आए थे। और इस एकादशी (Ekadashi) के बारे में अपने गुरु वशिष्ठ मुनि से के बारे में जाना था। भगवान राम ने संसार को इस एकादशी का महत्व बताने के लिए स्वयं भी यह व्रत किया था। वहीं श्री कृष्ण ने द्वापर युग में युधिष्ठिर को एकादशी व्रत करने की सलाह दी थी।