Narak Chaturdashi Kab Hai 2022: पंचांग के अनुसार, नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। नरक चतुर्दशी दिवाली से एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद मनाई जाती है। लेकिन इस बार नरक चतुर्दशी और दिवाली एक ही दिन मनाई जाएगी। इसे छोटी दिवाली, रूप चौदस, नरक चौदस, रूप चतुर्दशी या नरका पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और भगवान कृष्ण की पूजा करने का विधान है। रूप चौदस के दिन शाम को दीप जलाकर चारों ओर रोशनी की जाती है। नरक चतुर्दशी की पूजा अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए की जाती है। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण ने कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर का वध किया था और देवताओं और ऋषियों को उसके आतंक से मुक्त कराया था। ऐसे में आइए जानते हैं कब है इस साल नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi Kab Hai)…
नरक चतुर्दशी 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 24 अक्टूबर को शाम 06.03 बजे से शुरू हो रही है। वहीं चतुर्दशी तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5:27 बजे समाप्त होगी। ऐसे में उदय तिथि के अनुसार 24 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी।
नरक चतुर्दशी की पूजा विधि
- नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- नरक चतुर्दशी के दिन यमराज, श्री कृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और विष्णु जी के वामन रूप की विशेष पूजा की जाती है।
- इन सभी देवताओं की मूर्तियों को घर के उत्तर-पूर्व कोने में स्थापित करें और विधिपूर्वक उनकी पूजा करें।
- देवताओं के सामने अगरबत्ती जलाएं, कुमकुम का तिलक लगाएं और मंत्रों का जाप करें।
मान्यता क्या है?
मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन यमदेव की पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। साथ ही सभी पापों का नाश होता है इसलिए शाम के समय यमदेव की पूजा करें और घर के दरवाजे के दोनों ओर दीपक अवश्य जलाएं।
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