Navratri 7 Day 2022: माँ कालरात्रि की पूजा करने मात्र से सारे दुख और पाप नष्ट हो जाते हैं। मां कालरात्रि का ध्यान करने से ही व्यक्ति को उत्तम पद की प्राप्ति होती है, साथ ही उसके भक्त सांसारिक मोह और माया से मुक्त हो जाते हैं।
Navratri 7 Day 2022: नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें रूप कालरात्रि की पूजा की जाती है। 02 अगस्त शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि है। मां कालरात्रि का वाहन गर्दभ यानी गधा है, जिसे सभी जानवरों में सबसे मेहनती माना जाता है। इस वाहन से मां कालरात्रि पृथ्वीलोक का विचरणकरती हैं। कहते हैं मां कालरात्रि अपने भक्तों की समय समय पर रक्षा करती हैं, यानी मां के उपासक की अकाल मृत्यु नहीं होती है। मां कालरात्रि की आराधना मात्र से सभी दुखों और पापों का नाश हो जाता है। मां कालरात्रि का ध्यान करने से ही व्यक्ति को उत्तम पद की प्राप्ति होती है, साथ ही उसके भक्त सांसारिक मोह और माया से मुक्त हो जाते हैं। साथ ही इनकी आरती करने और मंत्र जाप से जीवन में खुशियां आती हैं। मां कालरात्रि की आरती इस प्रकार है-
मां कालरात्रि की आरती
कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।
काल के मुह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली ।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें ।
महाकाली मां जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि मां तेरी जय ॥
मंत्र
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: .
ॐ कालरात्र्यै नम:
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।
ध्यान मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्ल सल्लोहलता कण्टक भूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
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