Navratri Hawan Samagri List: नवरात्रि के इस पावन पर्व का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। नवरात्रि के इस महान पर्व को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस साल शारदीय नवरात्रि का समापन 5 सितंबर को दशहरे के दिन हो रहा है। इससे पहले 08 सितंबर को महाष्टमी और 04 सितंबर को नवमी है। ये दोनों तिथियां मां अम्बे की पूजा के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।अष्टमी और नवमी को मां महागौरी की पूजा और हवन किया जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के साथ हवन करना अनिवार्य है। ऐसा माना जाता है कि हवन के बिना नवरात्रि की पूजा पूरी नहीं होती है। ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्रि में हवन की विधि और सामग्री के बारे में…
दुर्गा अष्टमी और नवमी कब है?
नवरात्रि में कुछ लोग दुर्गा अष्टमी को और कुछ महानवमी पर हवन करते हैं। इस बार शारदीय नवरात्रि में अष्टमी तिथि 02 अक्टूबर को शाम 6:47 बजे से शुरू हो रही है। जो 3 अक्टूबर को शाम 04:37 बजे तक रहेगी। ऐसे में 3 अक्टूबर को अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। 04 अक्टूबर को नवमी तिथि दोपहर 02.22 बजे तक है। ऐसे में अष्टमी और नवमी तिथि की समाप्ति से पहले हवन करें।
नवरात्रि हवन-सामग्री | Navratri Hawan Samagri List
हवन कुंड, आम की लकड़ी, चावल, जौ, कलावा, शक्कर, गाय का घी, पान का पत्ता, काला तिल, सूखा नारियल, लौंग, इलायची, कपूर, बताशा आदि।
हवन की विधि
सबसे पहले हवन कुंड को गंगाजल से शुद्ध करें। हवन कुंड के चारों ओर कलावा बांधें। इसके बाद इस पर स्वस्तिक बनाकर पूजन करें। उसके बाद हवन कुंड में अक्षत, फूल और चंदन आदि चढ़ाएं। इसके बाद हवन सामग्री तैयार करें। इसमें घी, शक्कर, चावल और कपूर डालें। फिर 4 आम की लकड़ी को हवन कुंड में पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण दिशा की ओर रखें।
फिर उसके बीच में एक पान का पत्ता रखें और उस पर कपूर, लौंग, इलायची, बताशा आदि रखें। आम की लकड़ियां रखकर अग्नि प्रज्वलित करें। अब मंत्र बोलते हुए हवन सामग्री से अग्नि में आहुति दें। हवन संपन्न होने के बाद 9 कन्याओं की पूजा करें और उन्हें भोजन कराएं। इसके बाद उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। फिर कन्याओं को दक्षिणा या उपहार देकर श्रद्धापूर्वक विदा करें।
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