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Predictions 2023: शत्रु शनि के साथ 13 फरवरी से होगी सूर्य की युति, 12 राशियों पर क्या होगा इसका असर?

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Predictions 2023: वैदिक ज्योतिष में सूर्य को शनि का शत्रु कहा गया है। यदि किसी की कुंडली में सूर्य-शनि की युति हो या ये ग्रह एक दूसरे को देखते हों तो व्यक्ति के जीवन में संघर्ष रहता है। दरअसल सूर्य ग्रहों का राजा है और उससे शनि की शत्रुता के कारण सूर्य अपना फल नहीं देता है, जिससे व्यक्ति को सम्मान के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा यह युति पिता को कष्ट देने वाली भी कही गई है।

Predictions 2023: गोचर में भी सूर्य और शनि की युति एक बड़ी घटना है। जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर होता है। 13 फरवरी को सूर्य देव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे जहां शनि पहले से ही विराजमान होगा, ऐसे में सूर्य और शनि की युति कुंभ राशि में बनेगी। यह युति 14 मार्च तक प्रभावी रहेगी और उसके बाद सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं दूसरी ओर दोनों ग्रहों की सप्तम दृष्टि सिंह राशि पर पड़ेगी जिससे राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस गोचर से सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। आइए जानते हैं क्या होगा असर?

मेष

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य पंचम भाव और शनि दशम भाव है। दोनों ग्रहों की युति मेष राशि के जातकों के लिए लाभकारी रहेगी। इसी भाव से व्यक्ति की आय और उसके स्तोत्र का पता चलता है। दोनों ग्रहों की संयुक्त दृष्टि आपके पंचम भाव पर रहेगी। इस युति के कारण मेष राशि के जातकों को राजयोग जैसे फलों की प्राप्ति होने वाली है। इस समय आपको अपने भाई और दोस्तों से मदद मिलेगी। सरकार से जुड़े जातकों को इस समय जबरदस्त सफलता मिलने वाली है। इस समय आपको खुद का व्यवसाय शुरू करने के मौके मिलने वाले हैं। तेल, लोहा और खनन से जुड़े कार्यों में सफलता मिलेगी।

वृष

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य चतुर्थ और शनि नवम और दशम भाव के स्वामी हैं। वृष राशि के जातकों के लिए अब दोनों ग्रहों की युति दशम भाव में होने जा रही है। इस भाव से व्यक्ति के कार्यक्षेत्र और कौशल का विचार किया जाता है। दोनों ग्रहों की संयुक्त दृष्टि अब आपके चतुर्थ भाव पर रहेगी। इस युति के कारण आपको राजयोग का फल प्राप्त होगा। इस समय कार्यक्षेत्र में भी आपका सम्मान होगा। लंबे समय से अटका हुआ कोई काम पूरा होने से आप प्रसन्न रहेंगे। इस समय आपको सरकार से सहयोग मिलेगा। अगर कोई घर खरीदना चाह रहा है तो समय अच्छा है।

मिथुन

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य तीसरे और शनि अष्टम और नवम भाव के स्वामी हैं। मिथुन राशि के जातकों के लिए दोनों ग्रहों की युति नवम भाव में होने जा रही है। इस भाव से व्यक्ति के भाग्य, धर्म और गुरु का विचार किया जाता है। दोनों ग्रहों की संयुक्त दृष्टि अब आपके तीसरे भाव पर रहेगी। इस युति के कारण आपको अपने भाग्य का पूरा साथ मिलने वाला है। इस समय छोटे-मोटे काम के सिलसिले में की गई यात्रा आपके लिए लाभदायक रहेगी। आपके परिवार में किसी शुभ कार्य का आयोजन भी होगा। सूर्य और शनि के कारण आपको धार्मिक यात्रा पर जाने का अवसर प्राप्त होगा। पिता से भी आपको मदद मिल सकती है।

कर्क

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य और शनि दोनों ही मारकेश हैं। सूर्य दूसरे और शनि सातवें और आठवें भाव के स्वामी हैं। कर्क राशि वालों के लिए दोनों ग्रहों की युति अष्टम भाव में होने जा रही है। आकस्मिक घटनाओं को इसी अर्थ में सोचा जाता है। दोनों ग्रहों का संयुक्त प्रभाव आपके धन पर रहेगा। इस समय शनि ढैय्या का फल देने वाले होंगे। इस युति के कारण कर्क राशि के जातकों को चोट लग सकती है। आपको संभलकर गाड़ी चलानी होगी। इस समय आपको अपनी वाणी मधुर रखने की सलाह दी जाती है। व्यापार करने वाले जातकों को पैसों के लेन-देन में सावधानी बरतनी होगी। इस समय परिवार के किसी सदस्य की बीमारी पर धन खर्च होने की संभावना है। नौकरी में संघर्ष रहेगा।

सिंह

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य लग्न है और शनि छठे और सातवें भाव का स्वामी है। इस समय सिंह राशि के जातकों के लिए दोनों ग्रहों की युति सप्तम भाव में होने वाली है। इस भाव से वैवाहिक जीवन और पार्टनरशिप का विचार किया जाता है। दोनों ग्रहों का संयुक्त प्रभाव अब आपके लग्न पर ही पड़ने वाला है। इस युति से आपके वैवाहिक जीवन में कुछ तनाव देखने को मिल सकता है। इस समय आपमें अहंकार और अहंकार की प्रवृत्ति देखी जा सकती है। इस समय आपको अपनी सेहत का भी पूरा ध्यान रखना होगा। यदि आप कोई नया काम शुरू करने जा रहे हैं तो उसे फिलहाल के लिए टाल देना ही उचित रहेगा।

कन्या

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य बारहवें और शनि पंचम और छठे भाव के स्वामी हैं। कन्या राशि के जातकों के लिए अब दोनों ग्रहों की युति छठे भाव में होगी। इस राशि के जातकों के लिए सूर्य और शनि दोनों ही विपरीत राजयोग का फल देने वाले हैं। दोनों ग्रहों का संयुक्त प्रभाव बारहवें भाव पर रहेगा। इसके प्रभाव से विदेश में नौकरी करने वाले जातकों को सफलता मिलने वाली है। इस समय आपको कोई बड़ा जॉब ऑफर भी मिल सकता है। दोनों ग्रहों के प्रभाव से आपके शत्रुओं का नाश होगा। इस समय आपको सरकार से लाभ मिल सकता है। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लोगों को सफलता मिल सकती है।

तुला 

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य एकादश भाव, जबकि शनि चतुर्थ और पंचम भाव का स्वामी होकर परम राजयोग कारक बनता है। कन्या राशि के जातकों के लिए अब दोनों ग्रहों की युति पंचम भाव में होने जा रही है। इस भाव से जातक के प्रेम, शिक्षा और संतान का विचार किया जाता है। दोनों ग्रहों का संयुक्त प्रभाव आपकी शुभ स्थिति में रहने वाला है। इसके प्रभाव से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे जातकों को सफलता का स्वाद चखने को मिलेगा। शेयर बाजार से जुड़ा जातक सोच समझकर पैसा लगाए तो अच्छा है। इस समय आपको अपने भाइयों और मित्रों का सहयोग प्राप्त होने वाला है। व्यापारी वर्ग के लिए यह गोचर उनके सारे सपने पूरे करेगा।

वृश्चिक 

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य दसवें और शनि तीसरे और चौथे भाव के स्वामी हैं। इस राशि के जातकों के लिए दोनों ग्रहों की युति अब चतुर्थ भाव में होगी। इस भाव से व्यक्ति की मानसिक शक्ति और शारीरिक सुख का विचार किया जाता है। दोनों ग्रहों का संयुक्त प्रभाव अब आपके दशम भाव पर रहेगा। इस समय इस राशि के जातक पर शनि की साढ़ेसाती है। आपको मानसिक परेशानी हो सकती है। कार्यों में विलंब होगा जिससे आपका मन खिन्न रहेगा। इस समय कार्यस्थल पर वरिष्ठों से संबंध कुछ अच्छे नहीं रहेंगे। इस समय आपको अपनी माता के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की सलाह दी जाती है। इस गोचर के कारण आपको धन की कमी महसूस हो सकती है।

धनु

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य नवम भाव है और शनि दूसरे और तीसरे भाव का स्वामी है। धनु राशि वालों के लिए ही दोनों ग्रहों की युति तीसरे भाव में होगी। इस भाव से जातक के साहस और पराक्रम का विचार किया जाता है। दोनों ग्रहों का संयुक्त प्रभाव आपके भाग्य पर रहेगा। इस गोचर में आपको यात्रा से लाभ होता हुआ नजर आ रहा है। इस समय आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होने वाली है और वाणी के प्रभाव से आपके कार्य सिद्ध होंगे। इस समय आपको भाग्य का पूरा साथ मिलने की संभावना है। धार्मिक यात्रा के जरिए कोई बड़ी डील हो सकती है। इस समय आपको अपने पिता से आर्थिक मदद मिल सकती है।

मकर

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य आठवें भाव और शनि लग्न और दूसरे भाव के स्वामी हैं। दोनों ग्रहों की युति अब मकर राशि के लिए दूसरे भाव में होने जा रही है। इस भाव से व्यक्ति की वाणी और संचित धन का विचार किया जाता है। दोनों ग्रहों का संयुक्त प्रभाव अब आपके अष्टम भाव पर रहेगा। इस गोचर से आपको पैसों से जुड़े मामलों में सफलता मिलने वाली है। इस समय आपको अपनी वाणी के प्रभाव से प्रसिद्धि मिलेगी। किसी कंपनी में किया गया निवेश धन में वृद्धि करेगा। इस समय पारिवारिक विवाद से आपको बचना होगा। इस समय आपको संभलकर वाहन चलाने की सलाह दी जाती है।

कुम्भ

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य सप्तम भाव का स्वामी और शनि बारहवें भाव का स्वामी है। दोनों ग्रहों की युति अब इस राशि के जातकों के लिए लग्न में ही होगी। इस घर से जातक के व्यक्तित्व का पता लगाया जाता है। दोनों ग्रहों का संयुक्त प्रभाव अब आपके सप्तम भाव पर रहेगा। इस समय कुंभ राशि के जातकों की शनि साढ़ेसाती के मध्य चरण में रहेगा। इस गोचर के कारण आपके पिता के साथ मतभेद बढ़ सकते हैं। इस समय जो जातक नया काम शुरू करने की सोच रहे हैं उन्हें अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इस समय आपको अपनी सेहत का भी ध्यान रखना होगा। दांपत्य जीवन में इस समय तनाव रह सकता है इसलिए आपको अपने पार्टनर की भावनाओं को समझना होगा।

मीन 

इस राशि के जातकों के लिए सूर्य छठे और शनि एकादश और बारहवें भाव के स्वामी हैं। मीन राशि के जातकों के लिए अब दोनों ग्रहों की युति बारहवें भाव में होने जा रही है। इस भाव से जातक के व्यय, विदेश, एकांत और कारावास का विचार किया जाता है। दोनों ग्रहों का संयुक्त प्रभाव अब आपके छठे भाव में रहने वाला है। इस समय आपको विदेश मामलों में सफलता मिलती हुई नजर आ रही है। जो लोग विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें सफलता मिलेगी। इस गोचर के कारण आपको कोई बड़ी और अच्छी नौकरी का ऑफर भी मिल सकता है। हालांकि इस समय आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा।

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