Ravi Pradosh Vrat Kab Hai 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर का चौथा महीना आषाढ़ शुरू हो गया है। आषाढ़ मास का पहला प्रदोष व्रत 26 जून 2022 को मनाया जाएगा। साथ ही इस दिन रविवार है, इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। जहां प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का विधान है वहीं रविवार को सूर्यदेव को समर्पित माना जाता है। इस दिन देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और उपवास रखने से भगवान महादेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं। भगवान शिव की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही वंश, धन और संपत्ति आदि में भी वृद्धि होती है। आइए जानते हैं आषाढ़ मास में प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, तिथि।
Ravi Pradosh Vrat Kab Hai –
रवि प्रदोष व्रत का दिन और शुभ मुहूर्त
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 26 जून, रविवार, 01:09 AM बजे
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त: 27 जून, सोमवार, 03:25 AM
प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त 2022
प्रदोष व्रत की पूजा हमेशा प्रदोष काल के दौरान की जाती है। आषाढ़ मास के प्रथम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 26 जून को सायं 07:23 बजे से रात्रि 09:23 बजे तक है।
अभिजीत मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त 26 जून को दिन में 11:56 मिनट से 12:52 मिनट तक है। इस मुहूर्त में सुबह की पूजा की जा सकती है।
रवि प्रदोष व्रत का महत्व
स्कंद पुराण में प्रदोष व्रत का महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि त्रयोदशी तिथि को शाम के समय यानी प्रदोष काल के दौरान भोलेनाथ कैलाश पर खुशी से नृत्य करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रदोष काल में शिव पूजा और मंत्र जाप से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति को सौभाग्य, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। रवि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को धन, आयु, बल, पुत्र आदि की प्राप्ति होती है। प्रदोष व्रत का महत्व दिन के आधार पर भिन्न होता है। रविवार का प्रदोष व्रत जो कि रवि प्रदोष व्रत है, इसे करने से लंबी आयु की प्राप्ति होती है और रोगों आदि से भी मुक्ति मिलती है।
रवि प्रदोष व्रत के लाभ
जब प्रदोष रविवार के दिन पड़ता है, तो व्यक्ति को बढ़ती उम्र और अच्छे स्वास्थ्य का फल मिलता है।
रवि प्रदोष एक ऐसा व्रत है जिसके द्वारा व्यक्ति लंबा और स्वस्थ जीवन प्राप्त कर सकता है।
रवि प्रदोष का व्रत करने से सूर्य से संबंधित सभी रोग बहुत ही आसानी से दूर हो जाते हैं।
लेकिन किसी भी व्रत या पूजा का फल तभी मिलता है जब विधि विधान से पूजा की जाती है।
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