नवरात्रि व्रत के नियम: 26 सितंबर 2022 से शारदीय नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं। नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा की पूजा और उनका आशीर्वाद पाने के लिए विशेष माना जाता है। अश्विन प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में लोग लगातार नौ दिनों तक व्रत रखते हैं और साधना करते हैं। नवरात्रि पर सभी मंदिरों में मां दु्र्गा का विशेष श्रृंगार करते हुए उनकी पूजा होती है। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा करते हुए कलश की स्थापना की जाती है। नवरात्र से पहले घर की साफ-सफाई और सजावट की जाती है। शास्त्रों में नवरात्रि पर्व के दौरान मां दुर्गा की पूजा और साधना के कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करते हुए मां शक्ति की पूजा करनी चाहिए। आइए जानते हैं नवरात्रि में क्या करना चाहिए और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
नवरात्रि व्रत के नियम –
नवरात्रि पर क्या करें
1- नवरात्रि पर नौ दिनों तक रखें व्रत
नवरात्रि पर्व पर मन को शांत और एकाग्र करने के लिए नौ दिनों तक व्रत रखकर देवी की साधना करनी चाहिए। व्रत का पालन करने से मन की शुद्धि के साथ-साथ शरीर भी शुद्ध होता है। व्रत रखने से मन में हमेशा अच्छे विचार आते हैं।
2- नौ दिनों तक मां दुर्गा की विशेष पूजा और श्रृंगार करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के त्योहार पर मां दुर्गा स्वर्गलोक से उतरकर 9 दिनों तक पृथ्वी पर आती हैं। इसी कारण नवरात्रि के नौ दिनों तक देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। नवरात्रि में व्यक्ति को नौ दिनों तक मां को विशेष श्रृंगार, भोग और पूजा सामग्री अर्पित करनी चाहिए।
3- नवरात्रि पर प्रतिदिन मंदिर जाएं
ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती हैं। ऐसे में देवी की कृपा पाने के लिए नवरात्रि के हर दिन मंदिर में जाकर देवी की पूजा करनी चाहिए।
4- प्रतिदिन देवी मां को जल अर्पित करें
नवरात्रि में प्रतिदिन मां दुर्गा की पूजा करते हुए उन्हें जल चढ़ाएं।
5- नवरात्रि पर जलाएं अखंड ज्योति
नवरात्रि पर कलश स्थापना के साथ ही नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि पर्व की शुरुआत हो जाती है। नवरात्रि में नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाने का विशेष महत्व है। शुद्ध गाय के घी से जहां पर माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित हुई हो वहां पर अखंड ज्योति जलाते हुए पूजा करनी चाहिए।
6- अष्टमी-नवमी तिथि पर करें विशेष पूजन व कन्या पूजन
नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी पूजा करने का विशेष महत्व है। क्योंकि अष्टमी तिथि मां दुर्गा को समर्पित है। इसके साथ ही नवमी तिथि को भी विशेष पूजा करनी चाहिए। अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्याओं की पूजा और उन्हें भोजन कराने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि नौ वर्ष की आयु तक कन्या में मां दुर्गा का वास होता है।
7- ब्रह्मचर्य का पालन करें
नवरात्रि पर मन को शांत करने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए नवरात्र के नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करने से मन शांत रहता है।
नवरात्रि में क्या न करें
- नवरात्रि के दिनों में घर में केवल सात्विक भोजन ही बनाना चाहिए। अगर घर के सदस्य नौ दिनों तक व्रत नहीं रखते हैं, तो भी नौ दिनों तक भोजन में छौंक का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- नवरात्रि पर खाने में मांसाहार, लहसुन और प्याज का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- अगर आपने नवरात्रि में घर में कलश की स्थापना की है तो घर को खाली नहीं छोड़ना चाहिए।
- नवरात्रि पर दाढ़ी, नाखून और बाल नहीं काटने चाहिए।
- नवरात्रि पर बेवजह वाद-विवाद में नहीं पड़ना चाहिए।
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