संयुक्त किसान मोर्चे ने बयान जारी करते हुए कहा की हमारे सारी कोशिशों के बावजूद कुछ संगठनों व लोगों ने तय रूट का उल्लंघन किया व यह निंदनीय कृत्य किया।
उन्होंने आगे कहा की रैली में असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ कर ली नहीं तो यह आंदोलन शांतिपूर्ण था। हमेशा हमने कहा की हमारी सबसे बड़ी ताकत शांति है इसका उल्लंघन आंदोलन को आघात पहुंचाएगा।
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बयान में कहा की गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों के अभूतपूर्व समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं। साथ ही अवाांछित व अस्वीकार्य घटनाओं की निंदा और खेद प्रकट करते हैं। संयुक्त किसान मोर्चे ने कहा इनसे कोई संबंध नहीं है।
आपको बता दे की दिल्ली में आज किसान ट्रैक्टर रैली निकल रहे थे। ट्रैक्टर रैली के वक्त किसान आंदोलन बेकाबू हो गया। बेकाबू किसानो ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिल्ली में घुसकर लाल किले पर अपना झंडा फहरा दिया।
राजधानी दिल्ली में किसानो और पुलिसकर्मियों के बीच कुछ जगह पर भिड़ंत हो गई। जिसके बाद उग्र किसानो को रोकने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज किया। लाल किले को पुलिस ने खाली करा दिया। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। किसानों व पुलिस के बीच टकराव नांगलोई व अन्य इलाकों में भी हुआ है।
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