Shani Amavasya Upay 2022: आमतौर पर शनि अमावस्या साल में दो या तीन बार पड़ती है, लेकिन इसका कोई निश्चित आधार नहीं है। इस बार शनिवार अमावस्या 30 अप्रैल को पड़ रही है। शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि हवन-पूजा, श्राद्ध, तर्पण और पितरों की आत्मा की शांति के लिए सर्वोत्तम तिथि मानी गई है। शनिवार का दिन विशेष रूप से न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार शनिवार को अमावस्या के दिन शनि देव का जन्म हुआ था। इसलिए शनि अमावस्या का यह संयोग शनि देव को प्रसन्न करने और शनि दोष से मुक्ति पाने का विशेष अवसर है। इस दिन मंदिरों में मुख्य रूप से शनि-शांति के कर्म, पूजा-अनुष्ठान, पाठ और दान आदि करने से शनि और पितृ दोषों की शांति होती है। चलिए जानते हैं इस दिन कैसे पाएं शनिदेव की कृपा व किन कार्यों को करने से बचें…
Shani Amavasya Upay
शनिदेव को कैसे करें प्रसन्न
ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार शनि अमावस्या को पीपल की जड़ में कच्चा दूध मिश्रित मीठा जल चढ़ाने और तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाने से कई प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। शनि की साढ़ेसाती या ढईया के चलते पीपल के पेड़ की पूजा करना और उसकी परिक्रमा करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। वहीं इस दिन पीपल का पेड़ लगाना सुख-शांति बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।
इस दिन शनि देव के दिव्य मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप करने से प्राणी भय से मुक्त रहता है।
शनिदेव के आराध्य भगवान शिव हैं। शनि दोष की शांति के इस दिन शनि देव की पूजा के साथ-साथ ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करते हुए काले तिल मिलाकर जल से शिव का अभिषेक करना चाहिए।
शनि देव की प्रसन्नता के लिए व्यक्ति को शनिवार का व्रत रखना चाहिए और गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए। ऐसा करने से जीवन में परेशानियां दूर होने लगती हैं।
हनुमानजी (Hanuman ji) की पूजा करने वालों पर शनिदेव सदैब प्रसन्न रहते हैं, इसलिए उनकी कृपा पाने के लिए शनि पूजा के साथ-साथ हनुमान जी (Hanuman ji) की भी पूजा करनी चाहिए।
क्या न करें
शनि अमावस्या के दिन इस बात का ध्यान रखें कि घर में लोहे की बनी कोई भी चीज न लाएं। इस दिन लोहे की चीजें खरीदने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं और ऐसा करने से आपकी शारीरिक और आर्थिक परेशानी बढ़ सकती है।
इस दिन भूल से भी सरसों का तेल, लकड़ी, जूते-चप्पल और काली उड़द नहीं खरीदना चाहिए अन्यथा शनिदेव की बुरी दृष्टि का सामना करना पड़ सकता है।
अगर आप इस दिन शनि देव के मंदिर में शनिदेव के दर्शन करने जाते हैं तो ध्यान रखें कि गलती से भी उनकी आंखें न देखें।
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