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शनिदेव की जल्द बदलने वाली है चाल, तीन राशि वालों को मिलेगी साढ़ेसाती व ढैय्या से मुक्ति

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Shani Transit 2022: शनि के मकर राशि में होने के कारण धनु, मकर और कुंभ राशि के जातक साढ़े साती के विभिन्न चरणों से गुजर रहे हैं। वहीं मिथुन और तुला राशि के जातकों के लिए शनि की ढैया चल रही है।

Shani Transit: इस साल कर्म दाता शनि देव अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। शनि करीब ढाई साल बाद राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। इसलिए कई राशियों पर शनि का प्रभाव लंबे समय तक रहता है। शनि देव पिछले दो साल से मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि देव 24 जनवरी 2020 से मकर राशि में भ्रमण कर रहे हैं। शनि के मकर राशि में होने के कारण धनु, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए साढ़े साती के अलग -अलग चरण चल रहे हैं। वहीं मिथुन और तुला राशि के जातकों के लिए शनि की ढैया चल रही है। इस तरह देखा जाए तो पांच राशियों के लोगों के लिए शनि की दशा चल रही है।

वर्ष 2022 में शनि की चाल

शनि देव इस साल राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, शनि अपनी मकर राशि की यात्रा को रोकते हुए 29 अप्रैल 2022 को कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन से कुछ राशि के जातकों की शुरुआत शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से होगी तो कुछ राशियों को प्रभाव से मुक्ति मिलेगी। शनि के राशि परिवर्तन होते ही धनु राशि पर चल रही साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी, जबकि मिथुन और तुला राशि के जातक से शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी। हालांकि कुछ महीनों बाद शनि के वक्री होने के कारण स्थिति वैसी ही बनेगी। शनि देव 12 जुलाई 2022 को मकर राशि में वक्री होंगे। जिससे शनि की दशा एक बार फिर धनु, मिथुन और तुला राशि पर शुरू होगी। इन तीनों राशियों पर शनि की पूरी दशा 17 जनवरी 2023 को ही समाप्त हो पाएगी।

ज्योतिष में शनि ग्रह का महत्व

शनि ग्रह को सभी ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। ज्योतिष में शनि को नौकरी, रोग, आयु, दुःख, संकट, लोहा, खनिज तेल और जेल का कारक ग्रह माना गया है। शनि को शुभ और अशुभ दोनों फल देने वाला ग्रह माना जाता है। जिन जातकों की कुंडली में शनि शुभ होता है। उन्हें अच्छे परिणाम मिलते हैं। और जिनकी कुंडली अशुभ भाव में होते है। वे उन्हें परेशान करते हैं। शनि मकर और कुंभ राशि का स्वामी है। शनि तुला राशि में उच्च का और मेष राशि में नीच का माना जाता है।

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