Som Pradosh Vrat 2021: चंद्रमा के दुष्प्रभाव से पीड़ित भक्तों को राहत मिलती है क्योंकि यह व्रत भगवान चंद्रमा से भी जुड़ा है।
यदि कोई प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ता है, तो इसे सोम प्रदोष व्रत 2021 के रूप में जाना जाता है। यह व्रत हिंदुओं में विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन वे भगवान शिव की पूजा करते हैं और बाधा मुक्त और समृद्ध जीवन के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। यह व्रत हिंदू कैलेंडर के शुक्ल और कृष्ण पक्ष दोनों की त्रयोदशी तिथि को महीने में दो बार मनाया जाता है। ज्येष्ठ मास का पहला प्रदोष व्रत 7 जून 2021 को कृष्ण पक्ष में पड़ रहा है। इस दिन, भक्त दिन भर उपवास रखते हैं और पूरी रात भजन करते हैं।
सोम प्रदोष व्रत 2021: तिथि और शुभ मुहूर्त / Som Pradosh Vrat 2021: Tithi Aur Muhurat
दिनांक: 7 जून, 2021, सोमवार
शुभ मुहूर्त प्रारंभ: सुबह 8:48 बजे, 7 जून
शुभ मुहूर्त समाप्त: 11:24 पूर्वाह्न, 8 जून, मंगलवार
सोम प्रदोष व्रत 2021: महत्व / Som Pradosh Vrat 2021 Mahtav
हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत रखने वालों को भूत और वर्तमान के कर्मों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान शिव और देवी पार्वती अपने भक्तों पर आशीर्वाद की वर्षा करते हैं और वे सांसारिक इच्छा और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। साथ ही, चंद्रमा के दुष्प्रभाव से पीड़ित भक्तों को राहत मिलती है क्योंकि यह व्रत भगवान चंद्रमा से जुड़ा होता है। कुछ महिला भक्त उपयुक्त वर या संतान के लिए प्रदोष व्रत रखती हैं।
सोम प्रदोष व्रत 2021: पूजा विधि / Som Pradosh Vrat 2021 Pooja Vidhi
हिंदू पुराण के अनुसार प्रदोष व्रत शाम के समय यानी संध्याकाल में मनाया जाता है, इसलिए भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे सूर्यास्त के बाद ही पूजा करें।
पूजा से पहले स्नान कर साफ कपड़े पहन लें
गंगाजल और फूल से भरा मिट्टी का बर्तन या कलश रखें
शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी का भोग लगाएं
शिवलिंग पर अगरबत्ती, धतूरा और भेलपत्र चढ़ाएं
प्रदोष व्रत कथा, शिव चालीसा का पाठ करें, महा मृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें और आरती कर पूजा संपन्न करें
महा मृत्युंजय मंत्र
त्र्यंबकं यजमाहे सुगंधिं पुशिवर्धनम
उर्वरुकम इवा बंधनन मिट्योर मुखिया ममतात