Surya Arghya Vidhi: हिंदू धर्म में सूर्य को एक विशेष दर्जा दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि सूर्य ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो नियमित रूप से भक्तों को सीधे दर्शन देते हैं। ज्योतिष के अनुसार सूर्य स्वास्थ्य, पिता और आत्मा का कारक है। व्यक्ति के जीवन में सूर्य का बहुत बड़ा योगदान होता है। यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत हो तो व्यक्ति को जीवन में बहुत सफलता और प्रसिद्धि मिलती है। वहीं दूसरी ओर यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक नहीं है तो जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि रोजाना सूर्य को जल चढ़ाने से जीवन की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं। हालांकि सूर्य को जल चढ़ाते समय कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। इन बातों को ध्यान में रखते हुए यदि सूर्य को अर्घ्य दिया जाए तो सूर्य देव की कृपा से जीवन बहुत सुखी हो जाता है। आइए जानते हैं सूर्य देव को जल अर्पित करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Surya Arghya Vidhi –
सूर्य देव को जल चढ़ाते समय इन बातों का रखें ध्यान
उगते सूर्य को जल अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि सूर्य उदय होते ही जल का अर्घ्य दिया जाए। ऐसा करने से सूर्य का जीवन पर सकारात्मक लाभ होता है। वहीं अगर धूप तेज हो गई हो और आंखों पर चुभने लगी हो तो उस समय जल चढ़ाने का कोई फायदा नहीं है।
प्रातः काल सूर्य देव को जल चढ़ाकर तीन बार परिक्रमा करें। इसके बाद जमीन को छूकर ओम सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें।
बिना स्नान किए सूर्य को जल कभी न चढ़ाएं। वहीं सूर्य को अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपके दोनों हाथ सिर के ऊपर हों। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव को जल चढ़ाने से नवग्रह की कृपा प्राप्त होती है।
सूर्य देव को अर्घ्य देते समय लाल रंग के वस्त्र धारण करना अधिक शुभ होता है। जल चढ़ाने के बाद धूप, अगरबत्ती आदि से सूर्य की पूजा करें। साथ ही अर्घ्य देते समय जल में रोली, लाल चंदन और लाल फूल चढ़ाएं।
इसके अलावा तिल और अक्षत को जल में मिलाकर अर्घ्य देने से पितरों को शांति मिलती है और जीवन में कई बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही प्रतिदिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से जीवन में बहुत लाभ होता है।
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