Varuthini Ekadashi Vrat Ke Niyam: वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस बार वरुथिनी एकादशी 26 अप्रैल को है। इस दिन भगवान विष्णु के भक्त नियमित रूप से एकादशी का व्रत रखते हैं और दान-पुण्य करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से कष्टों और दुखों का नाश होता है। इसके अलावा विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में एकादशी व्रत से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है। तो आइए जानते हैं कि शुभ फल पाने के लिए इस दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए।
Ekadashi Vrat Ke Niyam
वरुथिनी एकादशी व्रत के नियम
जो कोई भी एकादशी का व्रत करता है। उसे इस दिन तामसिक भोजन और विचारों से दूर रहना चाहिए। इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को अपने मन, वचन और कर्म को शुद्ध रखना चाहिए।
इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। साथ ही वरुथिनी एकादशी पर भगवान विष्णु को कोई पीली वस्तु चढ़ाएं। भोग लगाते समय इसमें तुलसी के पत्ते अवश्य शामिल करें।
ध्यान रहे कि भगवान विष्णु की पूजा में पंचामृत, तुलसी के पत्ते, पीले फूल, दीपक, चंदन, केसर, हल्दी, धूप, सुगंध आदि का प्रयोग किया जाता है। साथ ही वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत कथा अवश्य सुननी चाहिए।
तुलसी भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। इसलिए उनकी पूजा में हर तरह से तुलसी का प्रयोग करना चाहिए। ऐसे में एकादशी के दिन पूजा के साथ-साथ तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आरती ”ओम जय जगदीश हरे” के साथ पूजा का समापन करना चाहिए। साथ ही इस दिन भगवान के सामने घी के दीपक या कपूर से आरती करें। ऐसा माना जाता है कि आरती करने से घर की नकारात्मकता दूर होती है।
एकादशी के दिन व्रतीऔर परिवार के अन्य सदस्यों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे बाल, नाखून, दाढ़ी न काटें। साथ ही इस दिन नहाते समय साबुन का प्रयोग न करें।
मान्यता है कि इस दिन घर में झाडू नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से घर में मौजूद छोटे-छोटे कीड़े मर सकते हैं। जिससे जीव हत्या का दोष लगता है।
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