Vidur Niti: विदुर की शिक्षाओं को जानने व समझने के लिए विदुर नीति का अध्ययन करना चाहिए। विदुर नीति जीवन को सरल और सफल बनाने की प्रेरणा देती है।
विदुर नीति (Vidur Niti) जीवन जीने की कला सिखाती हैं। विदुर महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक थे। वह धृतराष्ट्र के सलाहकार थे। विदुर के बारे में कहा जाता है कि वह हमेशा सच बोलते थे। उन्हें धर्मराज का अवतार भी माना जाता है। विदुर की शिक्षाओं को विदुर नीति कहा जाता था। एक व्यक्ति का जीवन कैसा होना चाहिए। इसके बारे में विदुर नीति (Vidur Niti) विस्तार से प्रकाश डालती है। चलिए जानते हैं आज की विदुर नीति-
बड़ों की बातों को नहीं करना चाहिए नज़रअंदाज़
उम्र में बड़े लोगो की बातों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। घर के बड़े या बुजुर्ग कोई भी काम करने से पहले अगर कोई सलाह देते हैं। तो उन पर जरूर विचार करना चाहिए। बड़ों के पास अनुभव का खजाना होता है। अनुभव व्यक्ति का सबसे बड़ा शिक्षक होता है। जो अनुभव से सीखता है वही वास्तविक ज्ञान है। किसी भी काम को करने से पहले घर के बड़े-बुजुर्गों से चर्चा कर लेनी चाहिए। उनकी सलाह लेनी चाहिए। ऐसा करने वाले कभी भी किसी काम में फेल नहीं होते हैं।
समाने वाले व्यक्ति को नहीं समझना चाहिए मूर्ख
जो लोग दूसरों को मूर्ख समझते हैं। वे उन्हें कम आंकते हैं। दरअसल ऐसे लोग अपनी कमियों को छिपाने की कोशिश करते हैं। सामने वाले को कभी भी कमजोर नहीं समझना चाहिए। सामने वाले को हमेशा ध्यान से सुनना चाहिए। और उसके बाद ही कोई प्रतिक्रिया देनी चाहिए। जब तक आप सामने वाले की इज्जत नहीं करेंगे तब तक कोई आपकी भी इज्जत नहीं करेगा। सम्मान प्राप्ति के लिए सबसे पहले दूसरों को सम्मान देना होता है। इसलिए किसी भी व्यक्ति का कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए।
हर काम पूरे जोश के साथ करना चाहिए
कोई भी कार्य पूरे उत्साह के साथ करना चाहिए। आधे-अधूरे मन से किया गया कार्य कभी सफल नहीं होता। भले ही पूरे जोश के साथ किए गए काम में आपको सफलता न मिले। लेकिन उस काम के लिए किए गए प्रयास कभी बेकार नहीं जाते।
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