Vinayaka Chaturthi 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने में दो चतुर्थी तिथियां आती हैं। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी तथा शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। अभी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी आने वाली है। यानी 4 मई को विनायक चतुर्थी (Vinayaka Chaturthi) का व्रत रखा जाएगा। यह चतुर्थी तिथि बुधवार सुबह 7.32 बजे से शुरू होकर अगले दिन 5 मई को गुरुवार सुबह 10 बजे तक चलेगी। विनायक चतुर्थी विघ्नहर्ता श्री गणेश को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गणपति की पूजा और व्रत करने से ज्ञान और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। गणेश जी प्रथम पूज्यहैं और शुभता के भी प्रतीक हैं। इस विनायक चतुर्थी पर आप कुछ ज्योतिषीय उपायों से गणेश जी को प्रसन्न कर सकते हैं और आपको धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में।
सिंदूर चढ़ाएं
भगवान श्री गणेश को सिंदूर बहुत प्रिय है। विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश जी को लाल सिंदूर का तिलक करें और उसी से स्वयं तिलक करें। इस दौरान सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करे। गणेश जी आप पर प्रसन्न होंगे और आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त होगा।
शमी पत्ते
यदि आप धन, वैभव और सुख की इच्छा रखते हैं तो विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश जी को शमी के पत्ते चढ़ाएं। शमी के पत्ते गणेश जी को प्रिय हैं। आप भगवान शिव और शनि देव को शमी के पत्ते भी चढ़ा सकते हैं।
गणेश जी मूर्ति
यदि आप परिवार की उन्नति चाहते हैं तो विनायक चतुर्थी के दिन मूषक पर सवार गणेश जी की मूर्ति या चित्र की विधिपूर्वक पूजा करें। इससे आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
दूर्वा अर्पित करें
विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश जी को 5 दूर्वा या दूर्वा की 21 गांठें इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः मंत्र के साथ उनके सिर पर अर्पित करें। इससे गणेश जी प्रसन्न होंगे और आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगे। गणेश को दूर्वा अत्यंत प्रिय है।
मोदक अर्पित करें
यदि आपकी कोई विशेष इच्छा है तो विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें और उन्हें मोदक का भोग लगाएं। मोदक न हो तो लड्डू भी चढ़ाए जा सकते हैं। इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करें। मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी।
यह भी पढ़ें – Ganga Saptami 2022: कब है गंगा सप्तमी? जानें महत्व और पूजा विधि
यह भी पढ़ें – Vishnu Chalisa: इस दिन करें विष्णु चालीसा का पाठ, नारायण की कृपा से दूर होंगे दुख-दर्द