अक्षय तृतीया कब है: ज्योतिषीय दृष्टि से चार अबूझ व स्वयंसिद्ध मुहूर्त चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (Chaitra Shukla Pratipada), अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya), दशहरा (Dussehra) तथा दीवाली (Diwali)। जिसमें किया गया कोई भी कार्य चिर स्थाई एवं शुभ माना जाता है। अक्षय का मतलब जिसका क्षय न हो। अक्षय तृतीया भगवान परशुराम जी का जन्मदिन होने के की वजह से परशुराम तिथि और चिरंजीवी तिथि भी कहलाती है।
अक्षय तृतीया से ही त्रेता युग (Treta Yug) का आरंभ भी माना गया हैं। अतः युगादितिथि (Yugadithithi) भी इसे कहा गया है। इस तिथि को किए गए कार्यों का अक्षय फल मिलता है। इस तिथि को परशुराम जी (Parashurama) का अवतरण व ब्रहमा जी के पुत्र अक्षय कुमार (Akshay Kumar) का जन्म भी इसी दिन माना जाता है। अक्षय तृतीया एक सर्वसिद्ध मुहूर्त जिस दिन पंचाग (Panchag) देखे बिना कोई भी मांगलिक शुभ कार्य किया जा सकता है। नई संस्था या नए व्यवसाय की नींव रखी जा सकती है।
यह मान्यता है की भौतिक संसाधन अगर इस दिन जुटाएं तो हमारे जीवन में वे हमेशा बने रहते हैं। तिथि को नया काम शुरू करने, भौतिक संसाधनों की खरीदारी जैसे बर्तन, सोना, चांदी जैसी अन्य कीमती वस्तुओं को खरीदना शुभ माना गया है।
साथ-ही-साथ ऐसी भी मान्यता है की खरीदा गया सोना आने वाली पीढ़ियों के साथ बढ़ता चला जाता है। सूरज की किरणे इस दिन काफी तेज होती है।
यदि आप इस तिथि को सोना नहीं खरीद पाते या पाए तो जीवन में आने वाली परेशानियां को दान-पुण्य करके कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया कब है: अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त / Akshaya Tritiya Shubh Muhurat
अक्षय तृतीया आरंभ : 14 मई 2021 को प्रात: 05 बजकर 38 मिनट से
अक्षय तृतीया तिथि समाप्ति: 15 मई 2021 को प्रात: 07 बजकर 59 मिनट तक
तृतीया पूजा शुभ मुहूर्त: प्रात: 05 बजकर 38 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक
अवधि: 06 घंटा 40 मिनट